पड़ाेसी देशों में विकास परियोजनाओं, पासपोर्ट के लिए आवंटन में वृद्धि
विदेश मंत्रालय के लिए 2025-26 का समग्र बजट आवंटन 20 हजार 516.61 करोड़ रुपये है जो पिछले वर्ष के बजट की तुलना में 15.45 प्रतिशत अधिक है। विदेश मंत्रालय के बजट की इस राशि में एक्जिम बैंक प्रावधान के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया है।
एक्जिम बैंक के संबंध में प्रावधान एक गतिशील प्रक्रिया है और यदि आवश्यकता हुई तो इसे बाद के चरण में किया जा सकता है।
बजट अनुमान 2025-26 के लिए विदेश मंत्रालय की योजनाओं -अर्थात भारत विदेशी विकास साझीदारी पोर्टफोलियो के लिए आवंटन 6750 करोड़ रुपये है, जो विदेश मंत्रालय समग्र बजट का 33 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष के 5667.56 करोड़ रुपये के आवंटन से लगभग 20 प्रतिशत (1082 करोड़ रुपये) की वृद्धि है और यह हमारी विदेश नीति के उद्देश्यों और व्यापक विकास साझीदारी के अनुरूप है।
‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत, योजना पोर्टफोलियो का 64 प्रतिशत (4320 करोड़ रुपये) भारत के निकटतम पड़ोसियों के लिए निर्धारित किया गया है, जो जलविद्युत संयंत्रों, विद्युत पारेषण लाइनों, आवास, सड़कों, पुलों, एकीकृत जांच चौकियों जैसी बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं से लेकर छोटे पैमाने के जमीनी स्तर के सामुदायिक विकास परियोजनाओं के साथ-साथ प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों तक विभिन्न मांग-आधारित पहलों के कार्यान्वयन के लिए है।
विदेश मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान विदेशों में दस नए मिशन और पोस्ट चालू किए हैं, उसी के लिए बजट अनुमान 2025-26 के लिए विदेश मंत्रालय के प्रासंगिक बजट शीर्ष में करीब 9 फीसदी की वृद्धि की गई है। अर्थात बजट अनुमान 2024-25 के लिए 3867.64 करोड़ रुपये से बढ़कर बजट अनुमान 2025-2026 के लिए 4206 करोड़ रुपये हो गया।
विदेश मंत्रालय की नागरिक-केंद्रित पहलों के प्रमुख घटकों में पासपोर्ट जारी करना, पासपोर्ट का ई-वैयक्तिकरण, तथा पासपोर्ट सेवाओं के तकनीकी उन्नयन हेतु पासपोर्ट सेवा परियोजना के संस्करण 2.0 का कार्यान्वयन शामिल है। आम बजट 2025-26 में विदेश मंत्रालय के प्रासंगिक बजट में इसकी पूर्ति के लिए 97 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अर्थात बजट अनुमान 2024-25 के लिए 970 करोड़ रुपये से बढ़ाकर बजट अनुमान 2025-2026 के लिए 1913 करोड़ रुपये किया गया।