मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने की अखिलेश यादव से बात,जानिए क्यों…
मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने की अखिलेश यादव से बात,जानिए क्यों...
लखनऊ/नई दिल्ली, संसद के आगामी मानसून सत्र में मोदी सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिये विपक्षी दलों को लामबंद करने में जुटे तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित विपक्षी दलों के अन्य नेताओं से बात की।
सूूत्रों के अनुसार केसीआर ने 18 जुलाई से आहूत संसद के मानसून सत्र में आर्थिक मुद्दों सहित अन्य ज्वलंत मसलों पर सत्तापक्ष को घेरने के लिये विपक्ष की एकजुटता का प्रयास तेेज कर दिया है। इस कड़ी में आज उन्होंने अखिलेश के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के करीबी सहयोगियों और एनसीपी के शरद पवार सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओंं से बात की।
सपा के सूत्रों ने बताया कि केसीआर से अखिलेश से संसद के दोनों सदनों में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को एकजुट होकर घेरने में टीआरएस के सदस्यों का सहयोग करने की अपील की। वहीं दिल्ली से टीआरएस के सूत्रों ने बताया कि मानसून सत्र के संदर्भ में विपक्ष की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिये केसीआर शनिवार को टीआरएस सांसदों के साथ प्रगति भवन में बैठक करेंगे।
दोपहर 1 बजे होने वाली इस बैठक में टीआरएस के राज्य सभा एवं लोकसभा सांसद हिस्सा लेंगे। बैठक में केसीअार दोनों सदनों में टीआरएस द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीति से पार्टी सांसदों को अवगत करायेंगे।
केसीआर ने अखिलेश सहित विपक्ष के अन्य नेताआें से भी केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संसद में एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान किया है। वहीं, केसीआर के निर्देशानुसार टीआरएस के सांसद केंद्र सरकार द्वारा तेलंगाना सरकार के साथ किये जा रहे सौतेले व्यवहार का मुद्दा भी संसद के दोनों सदनों में मुखरता से उठायेंगे।
सीएम केसीआर तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिबिम्बित करते हुए दोनों सदनों में केंद्र सरकार को दोषी ठहराने के लिए टीआरएस सांसदों को निर्देश देंगे कि केंद्र आर्थिक रूप से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे तेलंगाना की तरक्की को अवरूद्ध करने की कोशिश कर रहा है, जबकि तेलंगाना में आर्थिक अनुशासन बनाए रखते हुए विकास हो रहा है।