अयोध्या समेत पांच जिलों के किसानों के लिए वरदान बनेगी तमसा नदी

लखनऊ,  पूर्वांचल की जीवनरेखा कही जाने वाली तमसा नदी को नया जीवन मिल रहा है। तमसा नदी के पुनर्जीवन अभियान से आजमगढ़ जिले की 121 ग्राम पंचायतों में हरियाली लौट रही है।

ऋषि दुर्वासा, चन्द्रमा ऋषि और ऋषि दत्तात्रेय की तपोभूमि पर बहती तमसा नदी अब फिर से पूर्वांचल के किसानों के लिए संजीवनी बन रही है। तमसा नदी अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और बलिया से होकर गुजरती है। इसके पुनरुद्धार से इन जिलों में बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा। वर्तमान में तमसा नदी जनपद आजमगढ़ के अहरौला, मिर्जापुर, तहबरपुर, रानी की सराय, पल्हनी, बिलरियागंज और सठियांव विकासखंडों की 121 ग्राम पंचायतों से होते हुए मऊ जनपद में प्रवेश करती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को राज्य स्वच्छ गंगा मिशन और जिला गंगा समितियां मिलकर साकार कर रहे हैं।

तमसा नदी न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूर्वांचल की कृषि और पर्यावरण के लिए भी जीवनदायिनी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऋषि दुर्वासा, चन्द्रमा ऋषि और ऋषि दत्तात्रेय की तपोभूमियों को फिर से हरा-भरा बनाने का संकल्प लिया, जिसके परिणामस्वरूप यह क्षेत्र अब एक बार फिर समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहा है।

आजमगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना ने बताया कि तमसा नदी आजमगढ़ जिले में 89 किलोमीटर और कुल मिलाकर 264 किलोमीटर लंबी है, जो अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और बलिया जिलों से होकर गुजरती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आजमगढ़ में तमसा नदी पर अभियान चलाकर काम किया जा रहा है। तमसा नदी के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए 29 जुलाई को आजमगढ़ में सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी जुटेंगे।

तमसा नदी के पुनर्जीवन से किसानों को बड़ी राहत मिल रही है। अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और बलिया के लाखों किसानों को अब सिंचाई की बेहतर सुविधा मिल रही है, जिससे खेतों की उत्पादकता में बढ़ोत्तरी हुई है। ग्राम पंचायतों में हरियाली लौटने के साथ-साथ ग्रामीण आजीविका के नए रास्ते भी खुले हैं।

डीएफओ आजमगढ़ पी के पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर तमसा नदी के दोनों किनारों पर पौधारोपण भी कराया जा रहा है। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ भूजल स्तर में भी सुधार हो रहा है।

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