अयोध्यावासी विगत वर्षों में मिली नयी पहचान को बचाने का दायित्व समझें : मुख्यमंत्री योगी

अयोध्या, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि अयोध्या की नई पहचान विगत सात वर्षों में मिली है, इसे बचाये रखने का दायित्व भी अयोध्यावासियों को होना चाहिये।

मुख्यमंत्री ने आज यहां मुख्यालय से करीब बीस किलोमीटर दूर सुरक्षित विधानसभा मिल्कीपुर में अशर्फी भवन के नवनिर्मित राम मंदिर के नूतन विग्रह में रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा एवं ब्रह्मलीन जगदाचार्य स्वामी मधुसूदनाचार्य तथा ब्रह्मलीन जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी माधवाचार्य की प्रतिमा का अनावरण विद्यापीठ कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज करमडांडा में किया।

अशर्फी भवन द्वारा निर्मित राम मंदिर के नूतन विग्रह में रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद मुख्यमंत्री ने एक सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि अयोध्या की नई पहचान विगत सात वर्षों में मिली है, जिसे बचाये रखने का दायित्व भी अयोध्यावासियों को होना चाहिये।

उन्होंने कहा “ हमारी आजादी सुरक्षित होगी तभी हमारा भविष्य भी सुरक्षित होगा। हमें अपने हित और अहित को पहचानना होगा, देखना होगा कि हमें कहां और कैसे सुरक्षा मिलेगी। समय रहते इसका विचार करना होगा, वरना आने वाली पीढिय़ां हमें कोसेंगी।”

उन्होंने काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी महोत्सव का जिक्र करते हुए पं. रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, ठा. रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां और चन्द्रशेखर आजाद के देश प्रेम को नमन किया। उन्होंने कहा कि आगामी १३ से १५ अगस्त तक हर घर में तिरंगा फहराना है और तिरंगा यात्रा निकालने का आवाहन भी किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या की इस पावन धरती पर श्रीराम दरबार के यहां पर भव्य विग्रहों के स्थापना का गौरव प्राप्त हुआ है और साथ ही साथ इसे पूरी धरा को जिन्होंने अपने धर्माचरण से पवित्र करके इस क्षेत्र में सौ वर्ष पूर्व रामजन्मभूमि आंदोलन के लिये अपना पूरा जीवन समर्पित करके इस जागरण के बड़े कार्यक्रम को सम्पन्न कराया है।

सूबे के मुखिया ने कहा कि मधुसूदना महाराज ने अयोध्या धाम के साथ-साथ पूरे देश के अलग-अलग क्षेत्र को अभिसिंचित करने का कार्य किया है। रामानुजाचार्य स्वामी माधवाचार्य महाराज का कार्यकाल भले ही अल्प रहा हो लेकिन अपनी साधना के साथ उन्होंने लोगों के जीवन को बदलने का कार्य किया है। अयोध्या विद्यापीठ के माध्यम से कोरोना जैसी महामारी के वक्त किये गये लोक कल्याणकारी कार्यों को याद किया जाता है जबकि कोरोना से पूरी दुनिया हताश थी, तब हमारे धर्म स्थल, पूज्य संत और ऐसे संस्थान लोक कल्याण के अभियान के साथ जुड़े थे।

उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीडऩ पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सबके होंठ सिले हुए हैं, कोई इस पर बोल नहीं रहा है। मुख्यमंत्री ने मिल्कीपुर सुरक्षित में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से बैठक की। अभी हाल में लोकसभा चुनाव के दौरान फैजाबाद संसदीय क्षेत्र से अवधेश प्रसाद के चुनाव जीतने के बाद मिल्कीपुर सुरक्षित सीट खाली हुआ है जो इस पर भारतीय जनता पार्टी की पैनी नजर है।

इस अवसर पर अशर्फी भवन के उत्तराधिकारी महंत जगद्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य, रंग महल के संत श्रीरामशरण दास, रानोपाली के संत भरत दास, स्वामी अनन्ताचार्य, दिगम्बर अखाड़ा के संत-महंत रामलखन दास, झुनकी घाट के महंत करुणानिधान शरण, नाका हनुमानगढ़ी के संत स्वामी रामदास, जिले के प्रभारी कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, खाद्य एवं रसद मंत्री सतीश शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, नगर निगम महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, रुदौली विधायक रामचन्द्र यादव, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, मंडलायुक्त गौरव दयाल, पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरण नैय्यर, मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, जिलाध्यक्ष भाजपा राजीव सिंह, पूर्व सांसद लल्लू सिंह, पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ, उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी एवं नेतागण उपस्थित रहे।

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