सपा के गढ़ में सेंध लगाने के लिये भाजपा ने झोंकी ताकत

मैनपुरी, समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने विजय पताका फहराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। यहां सात मई को वोट डाले जायेंगे।

समाजवादी पार्टी का मैनपुरी सीट पर 1996 से कब्जा है। मैनपुरी सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। मुलायम सिंह यादव 1996 में पहली बार मैनपुरी से सांसद चुने गए और वह देश के रक्षा मंत्री बने। 1991 की रामलहर में भी भाजपा प्रत्याशी यहां से नहीं जीत सका। 1996 से 2019 तक के दस लोकसभा चुनाव में पांच बार सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से विजयी हुए।

मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभाएं आती हैं। इनमें मैनपुरी, भोगांव, किषनी, करहल और जसवंतनगर शामिल हैं। यहां कुल 17 लाख 87 हजार 147 मतदाता 7 मई को आठ प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसमें 9 लाख 34 हजार 94 पुरुष मतदाता, 7 लाख 89 हजार 84 महिला मतदाता और 25 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा मैनपुरी के संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त की जा रही है और मतदाताओं को यह एहसास दिलाया जा रहा है कि वह अपने मत का प्रयोग निर्भय होकर करें। मैनपुरी में मतदान प्रतिशत को भी बढ़ाने के लिए मतदाता जागरूकता कार्यक्रम लगातार संचालित हो रहे हैं। विभिन्न संस्थाओं और संगठनों द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए।

मतदाता जागरूकता कार्यक्रम की मैनपुरी में मुहिम चला रहे डॉ राममोहन बताते हैं कि पिछले एक माह से लगातार विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए हैं। इन गतिविधियों में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी प्रतिभाग किया। राष्ट्र निर्माण में एक-एक वोट कीमती है और लोग अपने वोट की कीमत समझें यही मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों का उद्देश्य है।

मैंनपुरी सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में जयवीर सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बना कर समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिम्पल यादव को घेरने की रणनीति के तहत भाजपा ने तीन विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी, भोगाँव व किशनी में सपा प्रत्याशी से भारी लीड लेने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। करहल और जसवन्तनगर विधानसभा क्षेत्र पर समाजवादी पार्टी का प्रभाव अधिक है और भाजपा इन दोनों विधानसभा क्षेत्र में बराबरी की स्थिति के लिए जातीय समीकरण साधने में लगी है।

वहीं बसपा ने नामांकन के अंतिम समय पर पूर्व घोषित प्रत्याशी डॉ गुलशन देव शाक्य का टिकट काटकर शिव प्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया है। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिम्पल यादव को विजयी बनाने के लिए समाजवादी पार्टी के बड़े नेता लगातार यँहा डेरा डाले हुए हैं। भाजपा भी समाजवादी पार्टी के लोगों को तोड़कर अपने साथ करने में लगी है।

मैनपुरी लोकसभा सीट की पांच विधानसभा सीट में से दो पर भााजपा और तीन पर समाजवादी पार्टी के विधायक काबिज हैं। करहल विधानसभा सीट से अखिलेश यादव और जसवंतनगर विधानसभा सीट से शिवपाल यादव विधायक हैं। यादव बाहुल्य यह दोनों विधानसभा क्षेत्र ही समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जीत में अपनी बड़ी भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र के लोग मुलायम सिंह यादव को ही अपना नेता मानते रहे और मुलायम सिंह यादव ने भी यँहा के लोगों के जीवन स्तर को उठाने के लिए बहुत काम किये। सरकारी नौकरियों में भी इस क्षेत्र के युवाओं को बहुत लाभ मिला। पुलिस और पी ए सी में भर्ती हुए युवा और उनके परिवारीजन नेता जी के नाम पर हर चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के नाम पर लामबंद रहे।

शिवपाल सिंह यादव की जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र पर अच्छी-खासी पकड़ है और 2024 के लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिम्पल यादव को जिताने की अपील की है।बीजेपी प्रत्याशी जयवीर सिंह भी करहल और जसवन्तनगर में सपा की बढ़त कम करने और सपा प्रत्याशी से लीड लेने के लिए पूरी ताकत से लोगों से संपर्क में जुटे हुए हैं। ग्रामीण मतदाताओं से अपनेपन का एहसास कराने के लिए जयवीर सिंह ने जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र बैलगाडी से चुनाव प्रचार कर लोगों से अपनी करीबी बढ़ाई।

मैनपुरी सीट पर पहली बार केसरिया फहराने के लिए बीजेपी के बड़े नेता व गृह मंत्री अमित शाह ने किशनी में एक बड़ी चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी को परिवारवादी पार्टी बताया और कहा कि एक ही परिवार से पाँच लोग लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी हैं,अखिलेश यादव को यादवों में परिवार के अलावा कोई और दिखाई नहीं देता । अमित शाह की मैनपुरी में हुई रैली से चुनाव रोमांचक स्थिति में आ गया है।

एक तरफ समाजवादी पार्टी ,भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेता ग्रामीण क्षेत्र को मथने पर लगे हैं,वंही शहरी मतदाताओं से वोट मांगने पार्टियों के नेता घर-घर नहीं पँहुच रहे हैं। शहरी मतदाता बीजेपी के परंपरागत मतदाता माने जाते हैं और पार्टी की तरफ से अब तक वोट न मांगे जाने से उदासीन हैं।

समाजवादी पार्टी की डिम्पल यादव और उनके साथ प्रचार में साथ दे रही उनकी बेटी अदिति यादव को ग्रामीण मतदाताओं का अच्छा-खासा समर्थन मिल रहा है। अपनी हर सभा में डिम्पल यादव बेरोजगारी व मंहगाई को मुद्दा बताते हुए कहती हैं बीजेपी जनता के इन बड़े मुद्दों से ध्यान बटाने के लिए लोगों को धर्म के नाम पर बाटने की कोशिश कर रही है। मैनपुरी में जो भी विकास हुआ वह समाजवादी पार्टी की सरकार में हुआ और नेता जी की कर्मस्थली मैनपुरी में जब भी मौका मिलेगा उनकी पार्टी विकास के काम करायेगी।

अखिलेश यादव की बेटी अदिति जब लोगों से अपनी माँ के लिए वोट मांगती है तो लोगों का प्यार उमड़ पड़ता है। अदिति से लोगों का यह भावनात्मक जुड़ाव समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डिम्पल यादव के लिए चुनाव में फायदेमंद ही साबित हो रहा है।

मैनपुरी में चुनाव को निष्पक्ष व भयमुक्त वातावरण में कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तेयारी कर रहा है। चुनाव आयोग से तैनात प्रेक्षक मतदान केन्द्रों का निरीक्षण कर मतदान की तैयारियों का जायज़ा ले रहे हैं।सामान्य प्रेक्षक डा. सी.आर. प्रसन्ना ने लोकसभा चुनाव निष्पक्ष, शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने हेतु जनपद के कई मतदान केंद्रों का निरीक्षण कर मतदाताओं हेतु उपलब्ध मूल-भूत सुविधाओं की जानकारी ली।

उन्होंने निरीक्षण के दौरान कहा कि मतदान से पूर्व सभी मतदान केंद्रों पर विशेषतौर पर दिव्यांग मतदाताओं के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध रहें, दिव्यांग मतदाताओं को अपना मतदान करने में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, सभी मतदान केंद्रों पर पीने के पानी, समुचित प्रकाश व्यवस्था, धूप से बचाव हेतु छाया की व्यवस्था, रैंप की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये, मतदान कार्मिकों के रूकने हेतु सभी केंद्रों पर पर्याप्त व्यवस्था रहें। उन्होने भ्रमण के दौरान मतदाताओं से संवाद करते हुये कहा कि सभी मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं को सुरक्षित माहौल के साथ-साथ मूल-भूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

Related Articles

Back to top button