दलित परिवार ने बिना दहेज के शादी कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया
दलित परिवार ने बिना दहेज के शादी कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया
सिरसा, हरियाणा में सिरसा जिला के गांव घोड़ांवाली के एक दलित परिवार ने बिना दहेज के शादी कर समाज के समक्ष उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। वर पक्ष ने कन्या पक्ष द्वारा दहेज के लिए प्रस्तावित राशि व सामान को विनम्रता से अस्वीकार करते हुए एक रुपया और एक नारियल के शगुन से शादी करवाई जिसका बहुत अच्छा संदेश समाज में गया है।
गांव घोड़ांवाली निवासी रणजीत मेहरड़ा ने अपने भांजे विनोद की शादी भुरानपुरा गांव के रामकुमार लोथिया की बेटी शर्मिला से की है। भांजे विनोद का पालन-पोषण भी रणजीत मेहरड़ा व उनकी पत्नी गुड्डी देवी ने ही किया है। शादी तय होने के बाद जब बारात वधू पक्ष के घर पहुंची तो वधू पक्ष की ओर से वर पक्ष को शादी के शगुन के तौर पर एक लाख 51 हजार रुपए की राशि देने की पेशकश की। लेकिन रणजीत मेहरड़ा, उनके बेटे सुभाष मेहरड़ा व अन्य परिजनों ने यह राशि और स्त्रीधन लेने से विनम्रतापूर्वक इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके लिए विनोद की दुल्हन शर्मिला ही दहेज है।
बिना दहेज के हुई इस शादी की पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है। आज जब दहेज के लिए लडक़ी के साथ ससुराल में अन्याय और अत्याचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसे में यह शादी उन परिवारों के लिए सबक है जो दहेज के लिए अपनी बहु के साथ मारपीट और हत्या तक कर देते हैं। सूझवान और शिक्षित युवा शादी में दहेज से इंकार करके एक सभ्य समाज के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो कि स्वागत योग्य है।