राम मंदिर के भूतल और प्रथम तल का निर्माण दिसंबर में होगा पूरा
राम मंदिर के भूतल और प्रथम तल का निर्माण दिसंबर में होगा पूरा
अयोध्या, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी में श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण अगले वर्ष दिसम्बर तक पूरा होगा। तीन चरणों में हो रहे इस मंदिर के पहले चरण में भूतल व प्रथम तल का निर्माण इसी वर्ष दिसम्बर तक पूरा हो जायेगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार अगले साल 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अगले दिन से ही राम मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिये खुल जायेगा। प्राण प्रतिष्ठा पर आम भक्तों को 48 घंटे रामलला का दर्शन नहीं हो पायेगा। सुरक्षित माहौल में उसके ऊपर के तलों पर निर्माण कार्य चलता रहेगा। राम मंदिर के भूतल के गर्भगृह में ही रामलला विराजमान होंगे। भूतल का काम पूरा हो चुका है। 166 स्तम्भों पर काम चल रहा है। भूतल पर लगने वाले 18 दरवाजों को लगाकर उसका ट्रायल हो चुका है। उन्हें उतारकर उस पर सोना जड़ऩे का काम हो रहा है।
.ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि फर्श पर विशेष नक्काशी का काम जारी है। इसके साथ प्रथम तल पर भी काम चल रहा है। 132 स्तम्भों पर काम के साथ-साथ छत ढालने का काम बाकी है। यह काम भी प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरा हो जायेगा। उन्होंने बताया कि भूतल व प्रथम तल पर काम इसी वर्ष दिसम्बर में पूरा हो जायेगा। अगले वर्ष जनवरी से रामभक्तों को दर्शन के साथ ही राम मंदिर निर्माण का भव्य नजारा देखने को मिलेगा।
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के निर्माण कार्य में तीनों तलों के निर्माण का कार्य पूरा हो जायेगा। इसके लिये ढाई हजार कारीगर व मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं। इसमें मंदिरों के परकोटे का निर्माण भी जारी है। आयताकार परकोटे के चार कोनों पर चार मंदिर बनेंगे। जिसमें भगवान सूर्य, शंकरजी, गणपति व देवी भगवती का विग्रह स्थापित होगा। वहीं परकोटे के दक्षिण भुजा में हनुमान व उत्तरी भुजा में माता अन्नपूर्णा के स्वरूप का रामभक्त दर्शन कर पायेंगे। यह सभी निर्माण दिसम्बर 2024 तक पूर्ण होने की उम्मीद जतायी गयी है।
पदाधिकारियों ने बताया कि तीसरे व अंतिम फेज में बाकी बची योजनाओं पर काम होगा जिसमें चार प्रमुख ऋषियों वाल्मीकि, वशिष्ठ, अगस्त्य, विश्वामित्र के अलावा माता शबरी, निषाद राज, देवी अहिल्या के मंदिर बनेंगे। उन्होंने बताया कि रामलला के नवीन विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के अवसर पर विराजमान रामलला का दर्शन 48 घंटे तक आम श्रद्धालुओं को नहीं मिल सकेगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के अंतिम चरण में 21 जनवरी 2024 में आम श्रद्धालुओं का परिसर में प्रवेश वर्जित हो जायेगा। उन्होंने बताया कि रामलला के नवीन विग्रह के नवीन मंदिर में प्रतिष्ठित होने के बाद विराजमान रामलला का भी नवीन मंदिर में प्रवेश होगा। इस अवधि में दर्शन को मजबूरन रोकना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि 23 जनवरी से पूर्वत: दर्शन नवीन मंदिर में शुरू हो जायेगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार इस नवम्बर माह के अंत में रामलला के तीनों विग्रहों का निर्माण पूरा हो जायेगा। इसके बाद बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज तय करेंगे कि किस विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा नवीन मंदिर में की जायेगी।
उन्होंने बताया कि अनुष्ठान 17 जनवरी को शोभायात्रा से शुरू होगा। इसके बाद 18 जनवरी से संकल्प व न्यास एवं अन्य वैदिक क्रियाओं के अलावा भगवान का अधिवास आरम्भ होगा। इस अधिवास में अन्नादिवास, फलादिवास, जलादिवास, पुष्पादिवास आदि होगा। उन्होंने बताया कि कांची काम कोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी विजेन्द्र सरस्वती महाराज जी के निर्देशन में की गयी कई बैठकों के बाद प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की विधि को अंतिम रूप दे दिया गया है। 17 जनवरी को भगवान की शोभायात्रा पूरे सम्मान के साथ रामसेवकपुरम् से श्रीरामजन्मभूमि तक निकाली जायेगी। इसके बाद ही रामलला के नवीन विग्रह को मंदिर में प्रवेश कराया जायेगा।