मो बोबाट बने आरसीबी के क्रिकेट निदेशक
मो बोबाट बने आरसीबी के क्रिकेट निदेशक
बेंगलुरु, इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के परफार्मेंस डायरेक्टर मो बोबाट को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 से पहले अपना क्रिकेट निदेशक नियुक्त करने की घोषणा की है।
40 वर्षीय बोबाट 12 वर्षों से ईसीबी के साथ हैं और 2019 से परफार्मेंस डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में इंग्लैंड ने टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच और वनडे विश्व कप जीता था। बोबाट और आरसीबी के मौजूदा मुख्य कोच एंडी फ्लावर पहले इंग्लैंड के साथ मिलकर काम कर चुके हैं और अब एक बार फिर साथ आकर वे आरसीबी में नए बदलाव लाने और उसे सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाने कोशिश करेंगे।
बोबाट आरसीबी के साथ प्रतिभाओं की भर्ती और परफार्मेंस से जुड़ी योजनाओं की देखरेख करेंगे, और निरंतर सफलता के लिए एक अलग तरह की टीम सांस्कृतिक और उच्च प्रदर्शन के लिए जरूरी नींव स्थापित करने का लक्ष्य रखेंगे।
बोबाट की नियुक्ति के बारे में डियाजियो इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी और आरसीबी के अध्यक्ष प्रथमेश मिश्रा ने कहा, “हमें आईपीएल में आरसीबी के क्रिकेट निदेशक के रूप में मो बोबाट का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। बोबाट ने पहले ही साबित कर दिया है कि वह इंग्लैंड के साथ इसी तरह की भूमिका में क्या-क्या कर सकते हैं, और मेरा मानना है कि विशेषज्ञता और वर्षों के अनुभव के साथ, वह आरसीबी को नई ऊंचाईयों तक जाने में मार्गदर्शन करेंगे।”
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के उपाध्यक्ष और प्रमुख राजेश वी मेनन ने कहा, “क्रिकेट निदेशक का पद हमारी इलीट परफार्मेंस की दीर्घकालिक रणनीति के विकास में एक महत्वपूर्ण पद है। हमारा मानना है कि मो बोबाट के पास हमें इस क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए पर्याप्त ज्ञान और जरूरी विशेषज्ञता है।”
बोबाट ने कहा, “मैं आरसीबी में क्रिकेट निदेशक के रूप में शामिल होने पर उत्साहित और गौरवान्वित हूं। आरसीबी एक काफी मशहूर टीम है और इसका जबरदस्त फैन बेस है। इसी कारण यह दुनिया में सबसे अधिक पहचानी जाने वाली फ्रेंचाइजी टीमों में से एक है। ऐसे क्लब के लिए काम करना बहुत बड़ा सम्मान होगा। माइक हेसन और संजय बांगर दोनों के काम को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है, जो उन्होंने हाल के वर्षों में प्रदान की है।”
उन्होने कहा, “मैं वास्तव में एंडी फ्लावर के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं। वह कमान संभालेंगे और आरसीबी को वह सफलता दिलाएंगे जो वह चाहते हैं। जब समय आएगा, मैं भारी मन से ईसीबी छोड़ दूंगा।