महाकुंभ नगर प्रशासन ने बसंत पंचमी स्नान पव के लिये तैयार की योजना
महाकुंभनगर, महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व “मौनी अमावस्या” पर भगदड़ की घटना से सतर्क प्रशासन ने बसंत पंचमी स्नान पर भीड़ को नियंत्रित करने की विशेष योजना तैयार की है।
सूत्रों ने बताया कि दो बड़े स्नान पर्वों मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के बाद प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीसरे अमृत स्नान पर्व “वसंत पंचमी” की है। बसंत पंचमी में मेला क्षेत्र में भीड़ बढ़ने पर आसपास के जिलों में श्रद्धालुओं को रोका जाएगा। जब मेला क्षेत्र खाली होने लगेगा, तभी दूसरे जिलों की सीमाओं से धीरे-धीरे लोगों को छोड़ा जाएगा।
संगम पर भीड़ के दबाव पर विशेष नजर रखी जाएगी। रात में स्नान करने वालों को रात में ही हटाया जाएगा। गंगा में किसी को भी दस मिनट से अधिक ठहरने नहीं दिया जाएगा। सभी को बाहर तत्काल बाहर किया जाएगा। एक अधिकारी को घाट पर तैनात रखा जाएगा, जो लगातार घाट खाली करने की बात कहता रहेगा। घुड़सवार पुलिस दल लोगों को हटाएगा जिससे भीड़ इकट्ठी ही नहीं होने पाए।
संगम खाली होते ही परेड और पार्किंग में ठहरे श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे आने के लिए छोड़ा जाएगा। अगर संगम पर भीड़ रही तो लोगों को रामघाट और काली घाट पर स्नान कराया जाएगा। अगर श्रद्धालु अंदर आना चाहेंगे तो उन्हें दारागंज दशाश्वमेध घाट भेजा जाएगा। गंगा पथ मार्ग से अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जिससे सुरक्षित होकर लोग स्नान करें और किसी भी स्थिति में कहीं भगदड़ से हालात उत्पन्न नहीं हो पाए।