भारत के युवा खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव झेलना काफ़ी आसान हो गया है: शिखर धवन
भारत के युवा खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव झेलना काफ़ी आसान हो गया है: शिखर धवन
पोर्ट ऑफ स्पेन, वनडे सीरीज़ में भारतीय टीम के कप्तान रहे शिखर धवन ने टीम के युवा खिलाड़ियों की परिपक्वता की काफ़ी तारीफ़ की है। सीनियर खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में भी भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज़ को 3-0 से हरा दिया। धवन के अनुसार यह भारतीय युवा खिलाड़ियों की परिपक्वता का फल है। बेंच पर बैठे खिलाड़ियों ने मौक़ा मिलने को दवाब को काफ़ी अच्छे तरीक़े से झेला है।
तीसरे वनडे में 119 रन से मिली जीत के बाद धवन ने कहा, “लड़कों ने जिस तरह से चुनौतियों को स्वीकार किया, वह अदभुत था। वे उम्र में युवा हैं लेकिन उनमें काफ़ी परिपक्वता और समझदारी है। वे दबाव को काफ़ी अच्छी तरह से संभाल सकते हैं।”
“घरेलू क्रिकेट और आईपीएल की वजह से ऐसा संभव हुआ है। उसी के कारण अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के दबाव को झेलना उनके लिए काफ़ी आसान हो गया है। युवा खिलाड़ियों ने गेंद और बल्ले के साथ काफ़ी बढ़िया प्रदर्शन किया। वे काफी अनुशासित थे। वे भावनाओं में नहीं बह रहे थे, लेकिन अपनी समझ का इस्तेमाल कर रहे थे। यह हम सभी के लिए एक बड़ी बात है।”
सीरीज़ में लगभग सभी बल्लेबाज़ों के योगदान से धवन खु़श थे। शुभमन गिल ने तीन पारियों में 205 रन बनाए, श्रेयस अय्यर ने दो अर्द्धशतकों के साथ 163 रन बनाए, जबकि संजू सैमसन और अक्षर पटेल ने भी महत्वपूर्ण अर्धशतक बनाए। धवन ने यह भी कहा कि ऑलराउंडर दीपक हुड्डा को गेंद से इस्तेमाल करने की योजना ने इतना अच्छा काम किया कि उन्होंने तीसरे वनडे में उन्हें पहला ओवर दे दिया।
धवन ने कहा, “अगर आप बल्लेबाज़ी इकाई की बात करें तो सभी ने रन बनाए हैं – शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, संजू, अक्षर जैसे सभी खिलाड़ियों ने बढ़िया प्रदर्शन किया। बल्लेबाज़ी इकाई के लिए इससे बेहतर संकेत नहीं हो सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि वे सभी युवा हैं। इसलिए इंग्लैंड दौरे के बाद इन परिस्थितियों में खेलना, चाहे पहले बल्लेबाज़ी करना हो या लक्ष्य का पीछा करना, या पहले दो मैच जीतने के बाद तीसरे गेम में उसी धैर्य के साथ खेलना, यह अपने आप में एक बड़ी बात है।”
“श्रृंखला से पहले हम जानते थे कि दीपक एक ऑलराउंडर की भूमिका निभा सकता है। जिस तरह से उसने पहले मैच में गेंदबाज़ी की उससे उनका आत्मविश्वास काफ़ी बढ़ गया। वह पांच ओवर के बजाय सात-आठ ओवर भी फेंक सकता था। उसने केवल बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ ही नहीं बल्कि उन्होंने दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को भी अच्छी गेंदबाज़ी की। तीसरे मैच में हमने सोचा कि तेज़ गेंदबाज़ों के लिए विकेट पर अधिक स्विंग नहीं थी। इसलिए हमने सोचा कि ऑफ़ स्पिनर काम कर सकता है और उन्होंने पहला ओवर मैडन डाल दिया।”
नियमित सलामी बल्लेबाज रोहित और राहुल की अनुपस्थिति में, कप्तान धवन के लिए ऋतुराज गायकवाड़, ईशान किशन और गिल के बीच में से किसी एक खिलाड़ी का चयन करना था। उन्होंने गिल को चुना और वह प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ बने।
धवन ने कहा, “उसके पास बहुत अच्छी तक़नीक है और वह एक उत्तम दर्जे का खिलाड़ी है। मुझे लगता है कि उसमें रोहित का स्पर्श है । वह उसी तरह का बल्लेबाज़ है। उसके पास बहुत समय है। यह देखकर अच्छा लगा कि उसने आज 98 रन बनाए हैं। वह जानता था कि अपने अर्धशतक को 90 में कैसे बदलना है। हम दोनों ने तीन मैचों में दो शतकीय साझेदारी की। यह एक बहुत अच्छा संकेत है। जिस तरह से हमने पहले दस ओवरों में उनके गेंदबाजी आक्रमण को संभाला, वह वास्तव में अच्छा था।”