बुंदेलखंड की संस्कृति को विश्वपटल पर जीवंत करने की पहल
बुंदेलखंड की संस्कृति को विश्वपटल पर जीवंत करने की पहल
झांसी, बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देश के बाद अब विदेशों तक भी पहुंचाने की पहल झांसी मंडलायुक्त डॉ़ अजय शंकर पांडेय ने शुरू कर दी है।
डॉ़ पांडेय ने बुधवार को बताया कि बुन्देलखंड के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य आयामों के वैज्ञानिक एवं तर्कसंगत ढंग से संग्रहण एवं प्रस्तुतीकरण के लिए संकलन अन्वेषण, संरक्षण एवं शोध कार्य गठित की गयी 8 समितियों द्वारा किये जा रहे हैं, इसकी सफलता को देखते हुए झांसी मंडल की तर्ज पर विदेशों में भी बुन्देली सांस्कृतिक समितियां कार्य करेंगी इसके लिये ‘अन्तर्राष्ट्रीय बुन्देलखंड संस्कृति प्रसार समिति’ का गठन किया गया है।
इस समिति के माध्यम से बुन्देलखंड क्षेत्र के अनेक प्रबुद्ध नागरिक जो विदेशों में रह रहे हैं ,इन्ही लोगों को इस समिति का सदस्य बनाया जायेगा। यह लोग बुंदेलखंड की सांस्कृतिक विरासत से जुड़कर व बुन्देली लोक कलाकारों को अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपोजर देने के लिये ऐसा मंच तैयार करने में मदद करेंगे ।
आयुक्त ने बताया कि यह समिति बुन्देलखंड क्षेत्र के विदेशों में रह रहे भारतीयों समुदाय में बुन्देली कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देने की सम्भावनाओं को तलाश करेगी। यदि यह योजना जमीन पर उतरी तो इसका व्यापक असर होगा और बुन्देलखंड के लोक कलाकार विदेशों में जाकर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इन प्रस्तुतियों से न सिर्फ कला का प्रसार व संवर्धन होगा बल्कि कलाकारों को आय अर्जित करने का भी अवसर मिलेगा।
सदस्यता सूची तैयार करने के लिये ईमेल आईडी बुंदेलीकल्चर एट द रेट ऑफ जीमेल डॉट कॉम के माध्यम से विदेश में रह रहे बुन्देलखंड के लोगों की सूचनाएं संकलित की जायेंगी। इस समिति का कार्य क्षेत्र भारत में न होकर वहीं होगा जहां वे विदेशों में बुन्देलखंड के लोग रह रहे हैं। इस अन्तर्राष्ट्रीय समिति के सदस्यों से भारत में किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं ली जायेगी बल्कि वे अपने निवास वाले देशों में बुंदेली सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की योजना बनाकर कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे जिसमें बुंदेली लोक कलाकारों को आमंत्रित करेंगे।
मंडलायुक्त ने बताया कि इस समिति के गठन से बुंदेली कला एवं कलाकारों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर मिलेगा जिसके परिणामस्वरूप यहां की कला संस्कृति का विस्तार होगा और ये बुन्देली कलायें विश्व पटल पर जीवन्त हो उठेंगी।
विदेशों में बुन्देलखण्ड संस्कृति प्रसार के लिये प्रतिनिधि नामित किये जाने लगे हैं इसमें अमेरिका में रह रहे विनोद गुप्ता, संजीव गुप्ता, दीपक मशाल आदि से सम्पर्क किया गया है इसके अतिरिक्त ऑस्ट्रलिया, कनाडा व यूरोप में भी रह रहे बुन्देलखंड के लोगों से सम्पर्क किया जा रहा है। आयुक्त ने अपील की है कि विदेशों में रह रहे जिन व्यक्तियों के परिजन बुन्देलखंड में रहते हैं वे इस गतिविधि के संबंध में उन्हें जानकारी दें ताकि उन्हें समिति से जोड़ा जा सके।