राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां बड़ी,विपक्ष ने घोषित किया अपना प्रत्याशी

राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां बड़ी,विपक्ष ने घोषित किया अपना प्रत्याशी

नयी दिल्ली, विपक्षी दलों ने आगामी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को सर्वसम्मति से अपना उम्मीदवार घोषित किया।

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आज यहां आयोजित बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माले , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), राष्ट्रीय जनता दल, आरएसपी, एआईएमआईएम, समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल शामिल हुए।

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे श्री सिन्हा को राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला तथा पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद विपक्ष ने अपना उम्मीदवार बनाया है।

विपक्षी दलों के संयुक्त बयान को पढ़ते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा , “ विभिन्न धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने 15 जून को नयी दिल्ली में मुलाकात की और “संविधान के संरक्षक” के रूप में सेवा करने तथा नरेंद्र मोदी सरकार को “भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान” पहुंचाने से रोकने के लिए एक आम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन के लिए एक प्रस्ताव अपनाया।”

रमेश ने कहा, “ हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने सर्वसम्मति से श्री यशवंत सिन्हा को 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के आम उम्मीदवार के रूप में चुना है।”

उन्होंने कहा कि वह श्री सिन्हा को सर्वसम्मत उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के लिए सभी दलों से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा , “देश ‘कठिन समय’ से गुजर रहा है। आदर्श रूप से सरकार और विपक्ष के सर्वसम्मति वाले उम्मीदवार को गणतंत्र के सर्वोच्च पद के लिए चुना जाना चाहिए। इसके लिए हालांकि पहल सरकार द्वारा की जानी चाहिए थी। खेद है कि मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया।”

बयान में कहा गया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार अपने वादों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रही है। इसके अलावा यह ईडी, सीबीआई, चुनाव आयोग, राज्यपाल कार्यालय और अन्य संस्थानों को विपक्षी दलों और राज्य संचालित संस्थानों के खिलाफ हथियार के रूप में दुरुपयोग कर रही है। इसलिए, हम लोगों को आश्वस्त करते हैं कि भारत कि विपक्षी दलों की एकता, जो राष्ट्रपति चुनावों से बनी है, समानता की भावना, आम प्रतिबद्धता और बातचीत के माध्यम से आम सहमति बनाने की भावना आने वाले महीनों में बेहतर रूप से मजबूत होगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री को 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बनाए जाने पर बधाई दी है। बैठक में शामिल होने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, माकपा के सीताराम येचुरी और भाकपा के डी राजा शामिल थे। तेलंगाना राष्ट्र समिति , बीजू जनता दल , आम आदमी पार्टी , शिरोमणि अकाली दल और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सहित कुछ विपक्षी दल राष्ट्रपति चुनाव में इस विपक्षी समूह का हिस्सा नहीं हैं।

Related Articles

Back to top button