नफरत की राजनीति से देश पिछड़ सकता है सौ साल: मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव
नफरत की राजनीति से देश पिछड़ सकता है सौ साल: मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव
नयी दिल्ली, तेलंगाना के नौवें स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना के विकास मॉडल को पूरे देश में लागू करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि राज्य के लोगों को देश को नयी दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करना चाहिए।
यहां स्थित तेलंगाना भवन में आयोजित स्थापना दिवस समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए श्री राव ने कहा कि देश में नफरत की राजनीति चल रही है, इससे देश सौ साल पीछे जा सकता है। उन्होंने आगाह किया कि नफरत की राजनीति के कारण ही देश में विदेशी निवेश का आना बंद हो सकता है। जो निवेश आ चुका है,उसके वापस होने का डर बना रहेगा। यह अच्छी स्थिति नहीं है।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा,“ हमें नफरत की राजनीति के खिलाफ लड़ना होगा। लगातार सांप्रदायिक सद्भाव भंग होने पर इसका कठोरता से विरोध करना होगा। कई देश, जो हमारे साथ स्वतंत्र हुए, अब सुपर पावर बन रहे हैं लेकिन हम जाति और धर्म की लड़ाई में व्यस्त हैं। ऐसा रहा तो देश सौ साल पीछे चला जाएगा। अगर नफरत की राजनीति बढ़ गई तो देश को इससे उबरने में सौ साल लगेंगे। ”
तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस समारोह पर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हैदराबाद के पब्लिक गार्डन में झंडा फहराया। इस अवसर पर उन्होंने केन्द्र सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने तेलंगाना में किसान कल्याण को राज्य के विकास का केन्द्र बिंदु बताया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में किसान ही असली राजा हैं लिहाजा किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति की जा रही है। एक लाख करोड़ की राशि खर्च कर कालेश्वरम सिंचाई परियोजना को पूरा कर लिया गया है। यह देश की सबसे महंगी सिंचाई परियोजना है। किसानों को दी जा रही इस सिंचाई सुविधा ने राज्य में कृषि क्षेत्र को बदल दिया है। कृषि उत्पादन के क्षेत्र में पंजाब सबसे पहले नंबर पर आता है, वहीं साल 2014 में अस्तित्व में आया तेलंगाना अब कृषि उत्पादन के क्षेत्र में दूसरे नंबर पर आ गया है। यहां विश्व की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय लिफ्ट सिंचाई परियोजना है।
इस परियोजना में जलाशय, पानी की सुरंग, पाइपलाइन और नहरों के संजाल हैं जिसके जरिए गोदावरी के पानी को ऊँचाई वाले स्थानों की ओर प्रवाहित किया जा रहा है।
गोदावरी औसत समुद्र तल से 100 मीटर नीचे बहती थी जबकि तेलंगाना औसत समुद्र तल से 300 से 650 मीटर ऊपर स्थित है। इस परियोजना ने विश्व की सबसे लंबी पानी की सुरंग समेत कई रिकार्ड बनाये हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार रायतु बंधु योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में 10 हजार रुपये जमा कराती है। फसल के दोनों सीजन रबी और खरीफ शुरू होने से पहले सरकार पांच-पांच हजार रुपये किसानों के खाते में डालती है। इस योजना को किसानों की निवेश सहायता योजना के रूप में भी जाना जाता है। इस योजना के तहत तेलंगाना सरकार किसानों के खेत के संचालन में बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम और अन्य निवेश जैसे इनपुट की खरीद के लिए प्रति किसान प्रति एक प्रति वर्ष 10 हजार रुपये देती है, यह राशि सीधे किसानों के खाते में जाती है। इस योजना के तहत राज्य सरकार अब तक किसानों को 50 हजार करोड़ रुपये दे चुकी है। राज्य सरकार इस वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 14000 करोड़ रुपये वितरित करेगी और इस प्रकार 31 मार्च 2023 तक किसानों के खाते में कुल वितरण लगभग 64000 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रायतु बीमा योजना लागू है। किसान समूह जीवन बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों के परिवार के जीवन को सुरक्षित करना है। इस योजना के तहत अगर किसान को कुछ होता है तो परिवार के सदस्यों को वित्तीय राहत और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत 18 से 59 वर्ष के आयु वर्ग के किसान नामांकन के लिए पात्र हैं। पूरे प्रीमियम का भुगतान तेलंगाना सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम को किया जाता है। अगर आकस्मिक या प्राकृतिक किसी भी कारण से नामांकित किसान की मृत्यु हो जाती है तो 10 दिनों के भीतर किसान के परिवार के खाते में पांच लाख रुपये की राशि जमा कर दी जा जाती है। इस योजना के तहत अभी तक 80,600 रुपए किसानों के परिजनों को मिल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने कृषकों को वर्ष 2018 से ही विशेष सौगात दी है जिसके चलते किसानों को कृषि उद्देश्यों की पूर्ति के लिए 24 घंटे मुफ्त बिजली मिल रही है। राज्य के किसानों के लिए अपनी पैदावार अधिक करना और उन्नत जीवन जीना आसान हो पाया है। तेलंगाना सभी कृषि क्षेत्रों में 24 घंटे अच्छी गुणवत्ता, निरंतरता के साथ 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए इतिहास में देश के पहले राज्य के रूप में जाना जाता है।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि किसान चाहें तो सरकार बदल सकती है। पिछले दिनों पंजाब किसान आंदोलन को लेकर कहा था कि किसानों को तब तक संघर्ष करते रहना चाहिए, जब तक उन्हें उनकी फसलों के लाभकारी मूल्यों की संवैधानिक गारंटी नहीं मिल जाती। उनका मानना है कि किसान ही राजा हैं, इसलिए निश्चित रूप से विकास का पहला हक़ उनका ही होना चाहिए। इसके अलावा किसानों को 22 हज़ार करोड़ की क़र्ज़ राशि से भी मुक्ति मिली, इतना ही नहीं वाटर टैक्स भी पूरी तरह हटा दिया।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने विगत आठ वर्षों में राज्य को कई पहलुओं से शिखर तक पहुँचाने में मुख्य भूमिका निभाई है। राज्य में स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए 7289 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। पहले चरण में 9123 स्कूलों के आधुनिकीकरण का काम शुरू किया गया है। राज्य में 224142 लोगों को सरकारी नौकरियां दी गईं जिसमें 95 प्रतिशत स्थानीय लोगों की नौकरी को भी सुनिश्चित किया गया। इसके अलावा पुजारियों के वेतन के लिए 138 करोड़ रुपए की सहायता दी गई और 10 हज़ार इमामों और मौलानाओं को 5000 रुपए मासिक मानदेय दिया गया।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि तेलंगाना विश्व की बड़ी आईटी कंपनियों ओरेकल, आईबीएम, अमेजन का केन्द्र बन चुका है। यहां से करीब 183569 करोड़ का निर्यात आईटी क्षेत्र में हो रहा है। यह राज्य अब विकास के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है।