पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने वाले चार गिरफ्तार
पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने वाले चार गिरफ्तार
बरेली, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर सिपाही बने चार अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों में हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने सोमवार को बताया कि मुजफ्फरनगर, सहारनपुर के चार अभ्यर्थियों ने अनुचित साधनो का प्रयोग कर परीक्षा पास की थी और रविवार को शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए पुलिस लाइंस पहुंच गए। भर्ती बोर्ड की सूचना पर चारों आरोपितों फुरकान अली, चंद किरन, प्रवीन कुमार व मोहम्मद मोहिसन को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आरोपित चंद किरन वर्ष 2019 बैच का सिपाही है और वर्तमान में अलीगढ़ में तैनात है ।
उन्होने बताया कि चारों आरोपितों के अलावा दो केंद्र संचालकों के विरुद्ध थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। उप्र पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से पिछले वर्ष 12 नवंबर और दो दिसंबर को दारोगा भर्ती की आनलाइन परीक्षा कराई गई थी। मार्च में लिखित परीक्षा का परिणाम आया तो प्रयागराज के एक अभ्यर्थी के 160 में से 158 सवाल सही पाए जाने पर बोर्ड को गड़बड़ी की आशंका हुई। अधिकारियों के अनुसार, उसकी परीक्षा की कैंडिटेड रेस्पांस लाग (सीआरएल) का अध्ययन किया तो पता चला कि शुरुआती 45 मिनट में उसने कोई सवाल हल नहीं किया।
बाकी सवा घंटे में दो को छोड़ सभी सही उत्तर दे दिए। इसके बाद बोर्ड ने प्रत्येक अभ्यर्थी की जांच कराई। इसी में फुरकान अली, चंद किरन, प्रवीन कुमार व मो. मोहिसन का नाम भी सामने आया। इन सभी ने भी अनुचित साधन का प्रयोग कर सही उत्तर लिखे। मुजफ्फरनगर के हरसौली के गांव खटौला निवासी फुरकान ने जिला आगरा के आरवी आनलाइन परीक्षा सेंटर पर दी थी। सहारनपुर के देवबंद के तिलहर खुर्द चंद किरन, चंदौरी निवासी प्रवीन कुमार व गंगोह के खानपुर गुज्जर निवासी मो. मोहसिन की परीक्षा मेरठ के राधेश्याम विद्यापीठ सेंटर में हुई थी।
गड़बड़ी के बाद भी प्रकरण गोपनीय रखकर इनके शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने का इंतजार किया जा रहा था। रविवार को पहुंचते ही चारों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के साथ आरवी आनलाइन सेंटर आगरा व राधेश्याम विद्यापीठ के व्यवस्थापक, संचालक व प्रबंधक अमित अग्रवाल के विरुद्ध उप्र सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम आदि में मुकदमा दर्ज किया।