अमेरिका, यूरोपीय संघ में हुआ व्यापार समझौता

लंदन,  अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) में व्यापार को लेकर सहमति बन गई है। दोनों ने एक बैठक के बाद तय किया कि अमेरिका, ईयू के कई उत्पादों पर 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगा सकेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने रविवार को हुई बैठक के बाद यह एलान किया। यह घोषणा स्कॉटलैंड में हुई बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस वार्ता में की गई। दोनों नेताओं ने इस समझौते को ‘व्यापार संतुलन’ बहाल करने और अधिक न्यायसंगत कारोबार को बढ़ावा देने वाला बताया।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस वार्ता में, दावा किया कि यह समझौता अमेरिकी कारों को यूरोपीय बाजार में दोबारा प्रवेश करने और ईयू में कृषि निर्यात को सरल बनाएगा। दवाईयां इस समझौते से बाहर हैं, जबकि ईयू से अमेरिका को निर्यात होने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर मौजूदा 50 प्रतिशत शुल्क लागू रहेंगे। विदित हो कि इससे पहले तक ईयू से अमेरिका को निर्यात होने वाली कारों पर पहले ढाई प्रतिशत टैक्स था जो अब बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगा।

यह समझौता अमेरिका को ईयू उत्पादों पर व्यापक रूप से 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की बात कहता है। साथ ही इसमें कई अमेरिकी निर्यातों के लिए शून्य- आयात शुल्क की भी बात है। यही नहीं ईयू 750 अरब डॉलर मूल्य की अमेरिकी ऊर्जा खरीदने और अमेरिका में 600 अरब डॉलर के निवेश की भी बात कही है।

एक अलग प्रेस वार्ता में, सुश्री लेयेन ने स्पष्ट किया कि ईयू और अमेरिका दवाइयों को 15 प्रतिशत शुल्क ढांचे में शामिल करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने भविष्य में अमेरिका के और अधिक व्यापारिक कदम उठाने की संभावना से इनकार नहीं किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या इससे यूरोपीय कार निर्माताओं को नुकसान नहीं होगा तो उन्होंने कहा कि वास्तव में कारों पर ढाई प्रतिशत के अलावा 25 प्रतिशत का अन्य कर भी लगता है। तो अब नई दर वास्तव में कर में कमी को दर्शाती है, लेकिन इस समझौते से सब लोग सहमत नहीं हैं।

यूरोपीय संसद की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समिति के अध्यक्ष बर्न्ड लैंग ने इस नए समझौते की आलोचना करते हुए इसे ‘असंतोषजनक’ और ‘काफी असंतुलित’ बताया और चेतावनी दी कि यह ईयू की आर्थिक स्थिरता और रोज़गार सुरक्षा को कमज़ोर कर सकता है। श्री लैंग ने रविवार को एक बयान में कहा, “यह एक पक्षपातपूर्ण समझौता है। स्पष्ट रूप से, इसमें ऐसी रियायतें दी गई हैं जिन्हें बर्दाश्त करना मुश्किल है।”
विदित हो कि श्री ट्रम्प ने चेतावनी दी थी कि अगर एक अगस्त तक कोई समझौता नहीं हुआ, तो अमेरिका अभी जो 10 प्रतिशत शुल्क लगाता है उसको बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया जाएगा।

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