टेस्ट मैचों में होना चाहिए इंजरी रिप्लेसमेंट का नियम: गौतम गंभीर

मैनचेस्टर, भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ियों के बदले सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों को एकादश में शामिल करने की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि टेस्ट इंजरी रिप्लेसमेंट का नियम होना चाहिए। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने इस विचार को ‘हास्यास्पद’ बताया है।

गौतम गंभीर ने कहा, “बिलकुल, मैं इसके पूरी तरह पक्ष में हूं। अगर अंपायर और मैच रेफरी को लगे कि यह गंभीर चोट है, तो मुझे लगता है कि यह बेहद आवश्यक है। ऐसे नियम होने चाहिए कि आप किसी और को विकल्प के तौर पर एकादश में ला सकें, बशर्ते यह स्पष्ट रूप से दिख रहा हो। इसमें कुछ भी गलत नहीं है, विशेषकर ऐसी सीरीज में जो पहले तीन टेस्ट में बेहद करीबी रही है। सोचिए अगर हमें 10 खिलाड़ियों के साथ 11 के खिलाफ खेलना पड़ता, तो यह हमारे लिए कितना दुर्भाग्यपूर्ण होता।”

स्टोक्स ने कहा, “मुझे लगता है कि यह बिल्कुल हास्यास्पद है कि चोट के विकल्प को लेकर कोई बातचीत चल रही है। इसमें बहुत सी कमियां होंगी, जिनसे टीमें इसका फायदा उठा सकती हैं। आप जो एकादश चुनते हैं, वही खेलनी चाहिए। चोट खेल का हिस्सा है।”

उन्होंने कहा, “मैं पूरी तरह से कनकशन विकल्प को समझता हूं क्योंकि यह खिलाड़ी की सुरक्षा से जुड़ा है। लेकिन मुझे लगता है कि चोट के विकल्प पर बातचीत को यहीं रोक देना चाहिए। अगर आप मुझे एमआरआई में भेज दें, तो मैं किसी और को तुरंत एमआरआई मशीन में भेज सकता हूं। जिसमें दिख जाएगा कि घुटने में हल्की सूजन है और फिर टीम कहेगी हमें नया गेंदबाज मिल सकता है। इसलिए यह बातचीत अब बंद होनी चाहिए।”

भारतीय कोच ने कहा, “ऐसा बहुत कम लोगों ने किया है और मैं घंटों बैठकर इस बारे में बात कर सकता हूं। मुझे लगता है कि आने वाली पीढ़ियां इस पर चर्चा करेंगी कि एक खिलाड़ी ने टूटे पैर के साथ बल्लेबाजी की।”

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