रूसी मां के साथ बच्चा लापता, सुप्रीम कोर्ट ने ढूंढकर पिता को सौंपने का आदेश

नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने अपनी रूसी मां के साथ गायब पांच साल के एक बच्चे को ढूंढकर बिना शर्त उसके पिता सौंपने का गुरुवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ इस संबंध में आदेश पारित करते हुए विदेश और गृह मंत्रालय को रूसी मां को भारत छोड़ने से रोकने के उपाय के तौर पर ‘लुक-आउट’ नोटिस जारी करने और मां का पासपोर्ट तुरंत जब्त करने का भी निर्देश दिया।

पीठ ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रूसी दूतावास के अधिकारियों के साथ समन्वय करके उस राजनयिक के आवास पर जाएं, जिसे आखिरी बार उस बच्चे की मां के साथ देखा गया था।

शीर्ष अदालत ने कड़े निर्देश जारी करने के साथ साथ चेतावनी दी कि जरूरत पड़ने पर दूतावास के संबंधित अधिकारियों सहित सभी संबंधित लोगों के खिलाफ कानून अपना काम करेगा।

सुनवाई के दौरान जब पीठ ने याचिकाकर्ता की पत्नी के वकीलों से उसके ठिकाने के बारे में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई, जिससे अदालत ने उनकी ईमानदारी पर भी सवाल उठाया।

पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा “ आप लोग सब कुछ जानते हैं… आपको लगता है कि आप हमारे साथ शरारत कर सकते हैं? हम सिर्फ़ याचिकाकर्ता ही नहीं, बल्कि संबंधित वकीलों भी सवाल उठाएंगे। आप हमारे द्वारा उचित समय पर दिए जाने वाले आदेशों का इंतज़ार करें।”
दंपति के बेटे का जन्म 2020 में भारत में हुआ था।
शीर्ष अदालत के पहले के निर्देशों के अनुसार, अलग-अलग रह रहे माता-पिता, बच्चे की संयुक्त अभिरक्षा के साथ दिल्ली में अलग-अलग आवासों में रह रहे थे। अदालत के (22 मई के) आदेश के अनुसार मां को सप्ताह में तीन दिन बच्चे को अपने साथ रखने का निर्देश दिया था जबकि अन्य दिनों के लिए पिता को।
हालांकि पिता ने हाल ही में अदालत का दरवाजा खटखटाया और कहा कि 7 जुलाई से (स्कूल के समय के बाद) उनकी पत्नी का कोई पता नहीं चल रहा है। उससे संपर्क करने के उसके प्रयास विफल रहे और बच्चा स्कूल और मेडिकल जांच, दोनों से वंचित हो रहा है।
पिता ने यह भी आरोप लगाया कि चार जुलाई को उसे एक रूसी राजनयिक के साथ पिछले दरवाजे से रूसी दूतावास में प्रवेश करते देखा गया था, जिसके साथ उसके कथित तौर पर संबंध हैं।
इसके बाद अदालत ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रूसी दूतावास के अधिकारी किसी भी अपराध में शामिल पाए जाते हैं तो कानून उनके खिलाफ भी अपना काम करेगा।

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