मानसून में यूरिन इन्फेक्शन से बचने के उपाय और सावधानी

मानसून में यूरिन इन्फेक्शन से बचने के उपाय और सावधानी, जाने एक्सपर्ट से डॉ. विनीत सिंह सोमवंशी, सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर
मानसून का मौसम न केवल मौसम की खूबसूरती लेकर आता है, बल्कि साथ ही यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकता है, जिनमें यूरिन इन्फेक्शन (जैसे मूत्र मार्ग संक्रमण) एक आम लेकिन परेशानी पैदा करने वाली समस्या है। खासकर बारिश के मौसम में नमी और ठंडक के कारण यह संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, मानसून में यूरिन इन्फेक्शन से बचाव और सावधानी बरतना जरूरी हो जाता है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि यूरिन इन्फेक्शन क्या है, इसके कारण, लक्षण और इससे बचने के लिए क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
यूरिन इन्फेक्शन क्या है?
यूरिन इन्फेक्शन यानी मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया या अन्य जंतुओं के कारण संक्रमण होना। यह संक्रमण मूत्राशय (ब्लैडर), गुर्दा (किडनी) या मूत्र मार्ग (यूरेथ्रा) में हो सकता है। ज्यादातर मामलों में यह संक्रमण मूत्राशय तक सीमित रहता है, लेकिन अगर समय पर इसका इलाज न हो तो यह किडनी तक भी फैल सकता है, जो गंभीर समस्या बन जाती है।
मानसून में यूरिन इन्फेक्शन के कारण_
इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे, बारिश के मौसम में शरीर अधिक नम रहता है जिससे बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगते हैं। नमी के कारण संक्रमण के कारण बनने वाले जीवाणु तेजी से बढ़ते हैं। भीगने से और गीले कपड़ों में लंबे समय तक रहने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि गीले कपड़े बैक्टीरिया के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं। बारिश में कई बार हम स्वच्छता का ध्यान नहीं रख पाते, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। मानसून में ठंड के कारण लोग कम पानी पीते हैं, जिससे मूत्र कम होता है और बैक्टीरिया मूत्र में पनप जाते हैं।
यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण_
यूरिन इन्फेक्शन के मुख्य लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, पेशाब के दौरान जलन या दर्द महसूस होना, पेशाब का रंग पीला होना या उसमें खून आना शामिल हैं। साथ ही, अक्सर पेट के निचले हिस्से में दर्द या दबाव महसूस हो सकता है। संक्रमण गंभीर होने पर बुखार या ठंड लगना भी हो सकता है। ये सभी संकेत मूत्र मार्ग में संक्रमण होने का संकेत देते हैं और इसके जल्द इलाज की जरूरत होती है।
यूरिन इन्फेक्शन से बचने के उपाय_
यूरिन इन्फेक्शन से बचने के लिए कई सावधानियां जरूरी हैं। सबसे पहले, अपने निजी अंगों की दिन में दो बार साफ-सफाई करें और टॉयलेट इस्तेमाल के बाद महिलाओं को हमेशा सामने से पीछे की ओर पोछना चाहिए ताकि बैक्टीरिया न फैले। बारिश में गीले कपड़े न पहनें और यदि कपड़े गीले हो जाएं तो तुरंत सुखा लें, खासकर अंतर्वस्त्र को साफ और सूखा रखना जरूरी है। पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए, कम से कम 8-10 गिलास ताकि पेशाब अधिक हो और बैक्टीरिया बाहर निकल सकें। विटामिन C से भरपूर फलों का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। मूत्र को लंबे समय तक रोकने से बचें क्योंकि इससे बैक्टीरिया पनपते हैं। सूती और आरामदायक कपड़े पहनें, सिंथेटिक या टाइट कपड़े न पहनें क्योंकि वे नमी रोकते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ाते हैं। यदि संक्रमण के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और घरेलू उपचार से बचें, सही दवाइयां लेना जरूरी है ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।
घरेलू उपाय_
घरेलू उपायों में पेट के निचले हिस्से पर गर्म पानी से सिकाई करने से यूरिन इन्फेक्शन के दर्द और जलन में राहत मिलती है। इसके अलावा, काली मिर्च और अजवायन जैसे प्राकृतिक तत्व बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं, इसलिए इन्हें अपने आहार में शामिल करना फायदेमंद होता है। विटामिन C से भरपूर नींबू पानी पीना भी संक्रमण से लड़ने में सहायक होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ये सरल घरेलू उपाय यूरिन इन्फेक्शन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन गंभीर लक्षण होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।
(डी पी शुक्ला)