अरावली ग्रीन वॉल परियोजना की शुरुआत कर PM मोदी ने लगाया सिंदूर का पौधा

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर हरित कार्यक्रमों की राष्ट्रव्यापी श्रृंखला की अगुवाई करने के साथ ही भूमि क्षरण और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरों से निपटने के मकसद से शुरु की जा रही महत्वाकांक्षी ‘अरावली ग्रीन वॉल परियोजना’की भी शुरुआत की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान पिछले वर्ष शुरु किए गये‘एक पेड मां के नाम’अभियान को आगे बढाते हुए दिल्ली के दक्षिणी रिज क्षेत्र में भगवान महावीर वनस्थली पार्क में एक पौधा लगाया और कहा कि इससे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मजबूती मिलेगी। उन्होंने अपनी मां के सम्मान में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को पिछले साल शुरू किया था। देश की पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में शुमार अरावली पर्वतमाला के पारिस्थितिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के पर्यावरणीय सिस्टम में इसकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि उनकी सरकार पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्धत है।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री  मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर यहां अपने 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर सिंदूर का पौधा भी लगाया। यह पौधा हाल ही में गुजरात के कच्छ की महिलाओं ने उन्हें उपहार में दिया था, जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान असाधारण साहस और देशभक्ति का परिचय दिया था। कच्छ की अपनी यात्रा को याद करते हुए उन्होंने एक्स पर कहा कि यह पौधा हमारी महिला शक्ति की वीरता और प्रेरणा का एक मजबूत प्रतीक बना रहेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अरावली पर्वतमाला के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस पर्वतमाला के लिए संरक्षण के लिए पारंपरिक संरक्षण विधियों को आधुनिक और नवीन तकनीकी से जोड़कर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इसके लिए जोर देना होगा।
उन्होंने कहा कि सभी वृक्षारोपण गतिविधियों को जियो-टैग किया जाएगा और ‘मेरी लाइफ पोर्टल’ के माध्यम से इसकी निगरानी की जाएगी, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। युवाओं से पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भागीदार बनाने का आह्वान करते हुए
उन्होंने युवाओं से देश के हरित आवरण को बढ़ाने में योगदान देने का आग्रह किया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नयी पहलों के विवरण को साझा करते हुए इन सभी पहलों को ‘एक पेड़ माँ के नाम’अभियान को बढ़ावा देने वाला बताया और कहा कि इसका मकसद धरती को खुशहाल बनाने के साथ ही स्थानीय जल प्रणालियों में सुधार लाने, धूल भरी आंधी रोकने और थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर फैलने से रोकने के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा, “हम इन उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे।”

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