प्रयागराज में गंगा-यमुना नदी के जल स्तर में वृद्धि

प्रयागराज, पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश, बैराजों से छोड़े जा रहे पानी और यमुना की सहायक नदियों में बाढ से प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धी हो रही है।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार पिछले 24 घंटे में शनिवार शाम 4 बजे से रविवार शाम 4 बजे के बीच गंगा और यमुना के जलस्तर में फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 0.56 सेंटीमीटर बढ़कर 78.08 मीटर, छतनाग 49 सेंटीमीटर बढ़कर 74.85 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 45 सेंटीमीटर बढ़ा 75.45 मीटर पर पहुंच गया है।

गंगा में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से मलाक हरहर और बेली के बीच निर्माणाधीन सिक्स लेन ब्रिज के केबल वाले हिस्से का काम रोक कर दिया गया है। संगम क्षेत्र में निर्माणाधीन दशाश्वमेध घाट, किला घाट में निचले हिस्से मे भी काम भी प्रभावित हुआ है। शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक गंगा प्रवाह के लिए बनाया गया नया चैनल पानी में डूबने के साथ इसी के बगल में गंगा के ऊपर बन रहे रेलवे पुल का काम भी रोक दिया गया है।

जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है, खासकर तटीय क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को सावधान रहने को कहा है। तटीय इलाके में बडी संख्या में बने घरों में किराए के कमरे में बाहर से यहां पढने आए छात्र रहते हैं। छोटा बाघाडा, सलोरी, गोबिंदपुर, शिवकुटी, मेंहदौरी, शंकरढाल, बेली, कछार,दारागंज आदि इलाकों में बड़ी संख्या में किराए पर छात्र रहते हैं।

गंगा-यमुना किनारे बसे बारा, करछना, मेजा, सोरांव, फूलपुर, एवं हंउिया तहसील क्षेत्र के लगभग 105 गांव में भी सतर्कता बरतने को कहा गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रशासन ने कछारी इलाके की लगभग 18 हजार बीघा फसल को बाढग्रस्त श्रेणी में रखा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत सेना को बढ़ते जलस्तर की रिपोर्ट भेजी गयी है। जल पुलिस एवं पीएसी की बाढ़ राहत कंपनी को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 18 बाढ राहत शिविर बनाने, 98 बाढ राहत चौकियां सक्रिया करने, 200 नावें और 22 स्टीमर लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।

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