उच्च रक्तचाप और मधुमेह के 7.5 करोड़ रोगियों की विशेष देखभाल
उच्च रक्तचाप और मधुमेह के 7.5 करोड़ रोगियों की विशेष देखभाल
नयी दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय ने बुधवार को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर वर्ष 2025 तक उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित 7.5 करोड़ लोगों की जांच और मानक देखभाल की एक महत्वाकांक्षी पहल शुरू की।
नीति आयोग स्वास्थ्य सदस्य डॉक्टर वी के पाल ने एक समारोह में इस पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि यह प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम में प्राथमिक स्तर पर शुरू होने वाले समुदाय आधारित दृष्टिकोण के साथ दुनिया में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम में गैर संचारी रोग रोकथाम- एनसीडी का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा।
केंद्रीय बजट 2023-2024 में पहली बार उच्च रक्तचाप और मधुमेह उपचार पर जोर दिया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और विशेष स्वास्थ्य सचिव एस गोपालकृष्णन मौजूद थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस और विश्व स्वास्थ संगठन में दक्षिण पूर्व एशिया निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने इस कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित किया।
डॉ. पॉल ने बताया कि एनसीडी के खिलाफ लड़ाई प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर के माध्यम से लड़ी जानी चाहिए। भारत ने 1.5 लाख से अधिक आरोग्य केंद्र के निर्माण और टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के माध्यम से इससे लड़ने के लिए एक मंच तैयार किया है।
उच्च रक्तचाप की रोकथाम और प्रबंधन में तेजी लाने के लिए डॉ. पॉल ने राज्य से आग्रह किया कि वे सभी मानकों- एसओपी का पालन करें। विशेष रूप से स्क्रीनिंग एसओपी का जमीनी स्तर पर सही ढंग से पालन करें क्योंकि स्क्रीनिंग किसी भी बीमारी के सफल प्रबंधन का आधार है।
इस प्रयास में निजी क्षेत्र की भागीदारी की आवश्यकता और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शैक्षणिक और अनुसंधान क्षेत्र के योगदान पर भी बल दिया गया।
डॉ. पॉल ने कहा कि रोकथाम में अधिक प्रयास किए जाने चाहिए जिसमें अच्छा खाना खाने, व्यायाम करने और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं।
श्री भूषण ने कहा कि पिछले दो दशकों में सात प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास के साथ, भारत में लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा बढ़कर लगभग 70 हो गई है। आबादी के एक बड़े हिस्से की जीवनशैली पहले से ज्यादा निष्क्रिय हो गई है।