विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में प्रश्नकाल शुरू होेते ही विपक्ष सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और शोर शराबे के कारण कुछ साफ सुनायी नहीं दे रहा था जिसके कारण पीठासीन सभापति घनश्याम तिवाड़ी ने कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह बैठक शुरू होते ही विपक्ष ने पहलगाम आंतकवादी हमले, ऑपरेशन सिन्दूर और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण जैसे मुद्दों पर सदन में सब काम रोककर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर शोर-शराबा शुरू कर दिया था और कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
मानसून सत्र के शुरू से ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल ऑपरेशन सिन्दूर पर तत्काल चर्चा कराने और चर्चा में प्रधानमंत्री की उपस्थिति को लेकर जोर दे रहे हैं। मंगलवार को राज्यसभा में बार-बार हंगामा होने के कारण कोई काम नहीं हो सका था।
विपक्ष ने आज सुबह शून्यकाल शुरू होते ही जबरदस्त हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित करनी पड़ी। इस तरह सदन में लगातार तीसरे दिन शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी।
उप सभापति हरिवंश ने विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद बताया कि विभिन्न दलों के सदस्यों ने नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव के 25 नोटिस दिये हैं।
उन्होंने कहा कि सर्वश्री अखिलेश प्रसाद सिंह, रजनी पाटिल, रंजीत रंजन, नीरज डांगी , साकेत गोखले, अशोक सिंह, नासिर हुसैन, जॉन ब्रिटास, मोहम्मद नदीमुल हक, टी सी चन्द्रशेखर, महुआ माझी, तिरूचि शिवा, सुष्मिता देव , अब्दुल वहाब और रेणुका चौधरी ने सभी विधायी कामकाज रोककर चुनाव आयोग के बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के संदीप पाठक और संजय सिंह ने दिल्ली में झुग्गी बस्तियों को तोड़े जाने तथा
तृणमूल कांग्रेस के रीताब्रत बनर्जी ने बंगाली आव्रजक श्रमिकों के साथ अन्य राज्यों में भेदभाव के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वी शिवदासन ने देश में बढ़ती हवाई दुर्घटनाओं के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया है। उप सभापति ने कहा कि ये सभी नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं हैं और इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया है।
उनके इतना कहते ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीट से उठकर आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे। श्री हरिवंश ने कहा कि यह शून्यकाल है और यह सदन में सदस्यों का समय होता है। इसलिए सदस्य अपनी जगह पर लौट जाएं और सदन की कार्यवाही चलने दें।
उन्होंने एमडीएमके के श्री वाइको का नाम पुकारते हुए सदस्यों से व्यवस्था बनाये रखने की अपील की लेकिन विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए। श्री वाइको ने हंगामे के बीच ही तमिलनाडु के मछुआरों की श्रीलंका नौसेना द्वारा गिरफ्तारी का मुद्दा उठाना चाहा, लेकिन सदन में शोर शराबा और नारेबाजी तेज हो गयी थी। उप सभापति ने सदस्यों से बार बार शांत होने तथा अपनी जगहोंं पर लाैटने की अपील की लेकिन इसका असर न होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।