मिशन लाइफ का मंत्र है, लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट: PM मोदी
मिशन लाइफ का मंत्र है, लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट: PM मोदी
केवडिया (गुजरात), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि लोग जानना चाहते हैं कि अपने खुद के प्रयत्न में, परिवार के साथ और अपने समुदाय के साथ मिलकर वे कौन से कदम उठा सकते हैं, जिससे धरती की सुरक्षा हो सके और इन सारे सवालों का जवाब मिशन लाइफ में है।
उन्होंने कहा कि मिशन लाइफ का मंत्र है, लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरमेंट ‘लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’।
PM मोदी ने गृह राज्य गुजरात में दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन नर्मदा ज़िले में स्थित केवड़िया में आज मिशन लाइफ के शुभारंभ अवसर पर कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर ऐसी धारणा बना दी है, जैसे ये सिर्फ पॉलिसी से जुड़ा विषय है। उन्होंने कहा, “ लेकिन जैसे ही हम इस मुद्दे को पॉलिसी से जोड़कर देखने लगते हैं, जाने-अनजाने में हमारे मन में ये बात बैठ जाती है कि इस पर सरकार ही कुछ करेगी या फिर ये सोचते हैं कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को इस पर कोई कदम उठाना चाहिए। यह बात सही है कि सरकार, अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं, उनकी भूमिका बड़ी है, और वह इसे संभालने का प्रयासरत भी कर रहे हैं। लेकिन हम सभी देख सकते हैं कि अब इस मुद्दे की गंभीरता चर्चाओं से बाहर निकलकर दुनिया के हर कोने में, हर घर में आज नजर आने लगी है। ”
प्रधानमंत्री ने कहा, “ जलवायु परिवर्तन से हो रहे बदलाव लोग अपने आसपास महसूस करने लगे हैं। पिछले कुछ दशकों में हमने इस दुष्प्रभाव को और तेज देखा है अप्रत्याशित आपदाओं को झेला है। आज हमारे ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं, समुद्रों का जल स्तर बढ़ रहा है। हमारी नदियां सूख रही हैं, मौसम अनिश्चित हो रहे हैं। ये बदलाव लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को सिर्फ पॉलिसी मेकिंग के लेवल पर ही नहीं छोड़ा जा सकता। लोग खुद महसूस करने लगे हैं कि एक व्यक्ति, एक परिवार और एक समुदाय के तौर पर उन्हें इस धरती के लिए, इस प्लेनेट के लिए, कुछ न कुछ जिम्मेवारी उठानी, खुद भी कुछ करना चाहिए। ”
उन्होंने कहा, “ लोग जानना चाहते हैं कि अपने खुद के प्रयत्न में या परिवार के साथ और अपने समुदाय के साथ मिलकर वे कौन से कदम उठा सकते हैं जिससे धरती की सुरक्षा हो सके इस पृथ्वी की सुरक्षा हो सके। ”
PM मोदी ने कहा,“ इन सारे सवालों का जवाब मिशन लाइफ में है। मिशन लाइफ का मंत्र है, लाइफ स्टाइल फोर एनवायरमेंट। पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तिगत प्रयासों की कामना के साथ ही आज मैं मिशन लाइफ का ये विजन दुनिया के सामने रख रहा हूं। मिशन लाइफ इस धरती की सुरक्षा के लिए जन-जन की शक्तियों को जोड़ता है उनका बेहतर इस्तेमाल करना सिखाता है। मिशन लाइफ, क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक-डेमोक्रेटिक, एक प्रकार से उसका विस्तार कर रहा है। जिसमें हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से योगदान दे सकता है। ”
श्री मोदी ने कहा, “ मिशन लाइफ इस बात पर भरोसा करता है कि छोटे-छोटे प्रयासों का भी व्यापक प्रभाव हो सकता है। मिशन लाइफ हमें प्रेरित करता है कि हम सब अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसा बहुत कुछ कर सकते हैं जिससे पर्यावरण की सुरक्षा हो। मिशन लाइफ ये मानता है कि अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करके एनवायरमेंट की रक्षा की जा सकती है। मैं आपको दो बहुत दिलचस्प उदाहरण देना चाहता हूं, बड़ी सरल बात मैं बताना चाहता हूं। आपने देखा होगा कुछ लोगों को एसी का टेम्परेचर 17 डिग्री या 18 डिग्री सेल्सियस पर रखना बहुत पसंद होता है। लेकिन एसी का टेम्परेचर इतना कम करने के बाद यही लोग सोने के समय कंबल या रजाई का सहारा लेते हैं। एसी का हर डिग्री टेम्परेचर कम करना, पर्यावरण पर उतना ही नकारात्मक प्रभाव यानी उसको अगर हम बचा सकते हैं,कोशिश करके कर सकते हैं। यानी हम अपनी लाइफस्टाइल को ठीक कर लें तो पर्यावरण की कितनी बड़ी मदद होगी। ”
उन्होंने कहा,“ लाइफस्टाइल से यहां भी एक और उदाहरण मैं बताना चाहता हूं। हम देखते हैं कुछ लोग पांच किलोमीटर प्रति लीटर का एवरेज वाली गाड़ी लेकर जिम जाते हैं और जिम में ट्रेड मिल पर जमकर अपना पसीना बहाने की कोशिश करते हैं। अरे भाई अगर ये पसीना आप पैदल चलकर या सायकिल पर जिम जाकर के बहा लेते तो पर्यावरण की रक्षा भी होती और आपके स्वास्थ्य की भी रक्षा होती। ”
प्रधानमंत्री ने कहा, “ लाइफ स्टाइल से व्यक्तिगत और समाज के छोटे-छोटे प्रयासों से कैसे बड़े नतीजे आ सकते हैं। मैं इसका भी उदाहरण देना चाहता हूं। भारत में हमने कुछ साल पहले देशवासियों से ज्यादा से ज्यादा एलईडी बल्ब का इस्तेमाल करने का आग्रह किया था। मकसद यह था कि लोगों का बिजली बिल कम हो, बिजली का कम खर्च हो और पर्यावरण की रक्षा भी हो। ”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “ सरकार ने एलईडी बल्ब की एक योजना शुरू की और देश का प्राइवेट सेक्टर भी इसमें भागीदार हो गया। यहां आए अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट ये जान करके उनको हैरानी होगी कि कुछ ही समय के भीतर भारत के लोगों ने 160 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्ब अपने घरों में लगा लिए, परिवर्तन कर दिया और इसका प्रभाव ये है कि 100 मिलियन टन से ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड का उत्पादन हम कम कर पाए, उसका उत्सर्जन कम कर पाए। मैं यह आपको नोट करने के लिए जरूर कहूंगा, ये प्रतिवर्ष हो रहा है, ये सिर्फ एक बार की घटना नहीं है, हर वर्ष यह बेनिफिट होने वाला है और उसका लाभ होने वाला है। हो रहा है, एलईडी की वजह से अब हर साल इतना उत्सर्जन कम होने लगा है। ”