पारंपरिक हर्षोल्लास से मनाया गया ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व

पारंपरिक हर्षोल्लास से मनाया गया ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व

श्रीनगर,  इस्लामिक समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण पैगंबर मोहम्मद का जन्मोत्सव रविवार को कश्मीर घाटी में पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मना गया ।

इस मौके पर डल झील के किनारे स्थित असर-ए-शरीफ हज़रतबल में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। यहां पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी निशानियों को रखा गया है। यहां एकत्र हुए श्रद्धालुओं में पुरुषों के साथ बच्चे और महिलाएं भी थीं जिन्होंने शनिवार की रात भर हुए विशेष नमाज में हिस्सा लिया। इस विशेष नमाज को शाब खवानी के नाम से जाना जाता है।

हजरतबल मस्जिद में आज सुबह की पहली नमाज़ फज़र के बाद एक धर्मगुरू ने लोगों को पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी चीजों मोई-ए-मुकद्दस दिखाया।

ऐसे ही आयोजन निचले शहर श्रीनगर के जनाबसाहिब सूरा सहित पूरी कश्मीर घाटी में अलग-अलग स्थानों में किये गये। इस अवसर पर जम्मू -कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने लोगों को मिलाद-उन-नबी की बधाई दी।

उन्होंने ट्वीट करके कहा “ इस पवित्र अवसर पर पूरी दुनिया के लोगों में प्रेम, सौहार्द और एकता जैसी भावनाएं मजबूत हों।”
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूख़ अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती ,उमर अब्दुल्ला और कई अन्य राजनीतिक नेताओं ने लोगों को बधाई दी। वक्फ बोर्ड के अधिकारियों ने हजरतबल मस्जिद में इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए व्यापक इंतजाम किये।

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