सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में अरविंद धाम को नहीं दी राहत

न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति पीबी वराले की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम राहत की मांग ठुकरा दी।
पीठ याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए (अधिवक्ता से) पूछा कि जब तीन न्यायाधीशों (शीर्ष अदालत) की पीठ ने पहली बार याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था तो छुट्टी के दौरान दूसरी याचिका कैसे दायर की गई?
पीठ के समक्ष श्री रोहतगी ने जवाब दिया कि याचिकाकर्ता केवल अंतरिम जमानत मांग रहा है।
इस पर पीठ की ओर से न्यायमूर्ति मिश्रा ने आगे पूछा,“आप किस आधार पर अंतरिम जमानत मांग रहे हैं?”
श्री रोहतगी ने कहा,“मैं 10 महीने से हिरासत में हूँ। इस मामले में संज्ञान लिया जाने वाला था, लेकिन दूसरे पक्ष के कहने पर उच्च न्यायालय ने इसे रोक दिया।”
पीठ पर उनकी इन दलीलों का असर नहीं हुआ और उसने कोई राहत नहीं दी।
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 30 मई को उनकी नियमित जमानत याचिका लंबित रहने तक उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय इस मामले में 15 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने सात अप्रैल को उन्हें चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया था।