पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह को लेकर, राष्ट्रीय किसान मंच ने कही ये खास बात

पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह की जयंती

लखनऊ, पूर्व प्रधानमंत्री जननायक स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह की जयंती पर राष्ट्रीय किसान मंच ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जननायक स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह के विचार आज भी प्रासंगिक है। उक्त उद्गार देश के पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय किसान मंच द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित जी ने व्यक्त किये।

श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुये शेखर दीक्षित ने कहा कि 1989 के बाद विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका में पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों, आदिवासियों एवं महिलाओं की भागीदारी में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है, ये देन मण्डल मसीहा जननायक स्व. वी.पी. सिंह जी की है, जब तक हिन्दुस्तान में लोकतंत्र रहेगा स्व. राजा साहब की सामाजिक न्याय की अवधारणा में नित्य नए अध्याय जुड़ेगें, राजा साहब के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगें। उन्होने कहा कि अभी हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (रा.ज.ग.) ने राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी समाज की महिला नेत्री द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का प्रस्ताव किया है, देश के शीर्ष पदों में राष्ट्रपति पद पर दलित समाज से श्री रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री पद पर पिछड़ा समाज से नरेन्द्र मोदी राष्ट्र को अपनी सेवाए दे रहें हैं। ये सामाजिक न्याय की अवधारणा का जमीन पर उतरने का जीता जागता उदाहरण है।

राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू करना का दुरूह कार्य राजा साहब ने बहुत ही मज़बूती से कर और समाज के वंचित तपके के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया। श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ पत्रकारों ने भी अपने विचार रखें, वरिष्ठ पत्रकार अनुराग यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि ’’राजा नही फकीर है देश की तकदीर है‘‘ जैसे नारा केवल पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह के लिये लगाया गया क्योंकि उन्होने देश की तकदीर बदलने के लिये देश की आधी से अधिक आबादी को संविधान द्वारा दिये गये हक को दिलाने के लिये मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू कराने का बड़ा काम किया।  ये साहस और संवेदनशीलता आज भी भारतीय राजनीति के बड़े से बड़े दिग्गज नेताओं में दूर तक दिखायी नही देती है। अनुराग यादव ने कहा कि यही कारण हैं कि वीपी सिंह ओबीसी न होते हुये भी पिछड़ों के दिलों पर  राज करतें हैं, वहीं एक दूसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें  पिछड़े वर्ग का वोट लेने के लिये चुनाव के समय बार बार ये बताना पड़ता है कि वो ओबीसी हैं, और उस पर भी ओबीसी वर्ग को भरोसा नहीं होता है।

श्रद्धांजलि सभा का संचालन कर रहे राष्ट्रीय महासचिव ओ.पी. यादव जी ने कहा ईमानदारी, सादगी व साफ बोली राजा साहब के ऐसे गुण थे जो विड़ले व्यक्तित्व में ही देखने को मिलते है। ’’राजा नही फकीर है देश की तकदीर है‘‘ इस नारे को राजा साहब ने ज़मीन पर उतार कर रख दिया। समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र ने कहा डा0 राम मनोहर लोहिया के विचारो को ज़मीन पर उतारने का काम स्व. राजा मान्डा साहब ने किया वो सही अर्थाें में सच्चे माईने मे समाजवादी थे। अभियान समिति के अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह जी ने कहा के भूदान आन्दोलन में अपनी सारी ज़मीने दान कर देना ये दर्शाता है कि राजा साहब अन्नदाता के सच्चे पैरोकार थे। पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी हरीष कुमार जी ने कहा कि दस्यू उन्मूलन राजा साहब के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में की गई कार्यवाही दर्शाती है कि कर्तव्य परायणता के गुण राजा साहब में कूट-कूट कर भरे हुए थे। उन्होने पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह जी के साथ बिताए अपने लम्हों को साझा किया और कहा कि डा. अम्बेडकर के बाद सामाजिक न्याय के लिए किसी ने ठोस काम किया तो वो सिर्फ राजा साहब थे। राजा साहब के सहयोगी रहे सामाजिक चिंतक विजेन्द्र सिंह स्व. राजा साहब को याद कर भावुक हो गए और कहा ईश्वर के बाद मैने राजा साहब को अपना आराध्य माना।
राष्ट्रीय किसान मंच के पदाधिकारियों में संजय द्विवेदी, लाल बहादुर सिंह, संजीव श्रीवास्तव, अरूण कुमार ‘‘बाबा’’, प्रमिला यादव, ऋचा चतुर्वेदी, सर्वेश पाल, मो0 इस्माइल, मधु पाण्डेय, बलराम वर्मा, मोहित मिश्रा, सहवीर, पवन दुबे, पं. वेद प्रकाश वाजपेई, शारदा सिंह, मुन्ना खान, आशीष मिश्रा, राजेश तोमर, विजय रावत, सुबोध यादव, राम शंकर यादव, जितेन्द्र सिंह मामू, रामराज रावत, एडवोकेट महावीर सिंह, विरेन्द्र ओझा, बृजेश शुक्ला, रामेश्वर लोधी व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

 

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