पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह को क्यों कहा गया राजा नही फकीर है देश की तकदीर है

91 वीं जयंती पर विशेष

लखनऊ, ’’राजा नही फकीर है देश की तकदीर है‘‘ जैसे नारा केवल पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह के लिये लगाया गया । इस नारे को वी.पी. सिंह ने ज़मीन पर उतार कर रख दिया।इसके पीछे एक बड़ा अर्थ छुपा है।

’’राजा नही फकीर है देश की तकदीर है‘‘ जैसे नारा केवल पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह के लिये लगाया गया क्योंकि उन्होने देश की तकदीर बदलने के लिये देश की आधी से अधिक आबादी को संविधान द्वारा दिये गये हक को दिलाने के लिये मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू कराने का बड़ा काम किया।  ये साहस और संवेदनशीलता आज भी भारतीय राजनीति के बड़े से बड़े दिग्गज नेताओं में दूर तक दिखायी नही देती है।  1989 के बाद विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका में पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों, आदिवासियों एवं महिलाओं की भागीदारी में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है, ये देन मण्डल मसीहा जननायक स्व. वी.पी. सिंह जी की है। क्योंकि मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू करना का दुरूह कार्य राजा साहब ने बहुत ही मज़बूती से कर समाज के वंचित तबके के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया।

ईमानदारी, सादगी व साफ बोली राजा साहब के ऐसे गुण थे जो विड़ले व्यक्तित्व में ही देखने को मिलते है। भूदान आन्दोलन में अपनी सारी ज़मीने दान कर देना ये दर्शाता है कि राजा साहब अन्नदाता के सच्चे पैरोकार थे। दीपक मिश्र ने कहा डा0 राम मनोहर लोहिया के विचारो को ज़मीन पर उतारने का काम स्व. राजा मान्डा साहब ने किया वो सही अर्थाें में सच्चे माईने मे समाजवादी थे।इसीलिये पूर्व प्रधानमंत्री जननायक स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह के विचार आज भी प्रासंगिक है। जब तक हिन्दुस्तान में लोकतंत्र रहेगा स्व. राजा साहब की सामाजिक न्याय की अवधारणा में नित्य नए अध्याय जुड़ेगें और उनके विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगें।

 

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