कबीर के निर्वाण में भी सांप्रदायिक एकता का संदेश छिपा था : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
कबीर के निर्वाण में भी सांप्रदायिक एकता का संदेश छिपा था : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
संतकबीर नगर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को संत कबीर की साधना स्थली मगहर में उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कबीर दास जी ने पहले समाज को जगाया, फिर चेताया है। उनके निर्वाण में भी सांप्रदायिक एकता का संदेश छिपा है, इसलिये उनका जीवन सभी के लिये प्रेरणा का स्रोत है।
राष्ट्रपति ने कहा, “संत कबीर का पूरा जीवन, मानव धर्म का श्रेष्ठतम उदाहरण है। उनके निर्वाण में भी सांप्रदायिक एकता का संदेश छिपा था। आज, एक ही परिसर में कबीर की समाधि और मजार बनी हुई है। सांप्रदायिक एकता की ऐसी मिसाल दुर्लभ है।” उन्होंने कहा कि कबीर ने समाज को, समानता और समरसता का मार्ग दिखाया। उन्होंने कुरीतियों, आडंबरों और भेद-भाव को दूर करने का बीड़ा उठाया और गृहस्थ जीवन को भी संतों की तरह जिया।
राष्ट्रपति ने संत कबीर के जीवन से सभी को प्रेरणा लेकर कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि मानव जीवन को सुधारने के लिए कबीरदास मगहर आए थे। वह सच्चे भक्त थे और लोगों की पीड़ा को समझते थे, इसलिये लोगों के कष्ट निवारण के उपाय भी करते थे।
इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद ने कबीर चौरा पर कबीर अकादमी और शोध संस्थान सहित लगभग 49 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संतो के आगमन से धरती पवित्र हो जाती है, इसका ज्वलंत प्रमाण मगहर की धरती है। यहां लगभग 03 वर्ष तक संत कबीर का प्रवास रहा। उनके आगमन से यह भूमि पूरी तरह से खिल उठी। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “संत कबीर यद्यपि, पुस्तकीय ज्ञान से वंचित रहे, फिर भी उन्होंने, साधु-संगति से अनुभव-सिद्ध ज्ञान प्राप्त किया। आज लगभग 650 वर्ष गुजर जाने के बाद भी, उनकी शिक्षाएं जन-साधारण से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग में एक समान लोकप्रिय हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि सही मायने मे संत कबीर का सन्देश यह था कि किसी स्थान विशेष पर मरने से स्वर्ग और नरक की प्राप्ति नहीं होती है, बल्कि अपने आचरण से किसी भी स्थान को स्वर्ग बना सकते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमन्त्री योगी ने कहा कि संत कबीर नगर के मगहर में राष्ट्रपति महोदय के द्वारा शिक्षा, संस्कृति एवं पर्यटन से जुड़ी 86.76 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण राज्यपाल महोदया की उपस्थिति में संपन्न हुआ है।
इसके लिये उन्होंने राष्ट्रपति और राज्यपाल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट व बौद्ध सर्किट जैसी अनेक परियोजनाएं संचालित हैं, जो पर्यटन विकास की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही नौजवानों के लिए रोजगार की सुविधा भी उपलब्ध करा रही हैं।
योगी ने कहा, “कबीर दास जी ने कहा था कि कार्य को टालने की आदत नहीं होनी चाहिए। जो कार्य कल करना है, उसे आज कर लो और जो आज करना है, उसे अभी कर लो। कर्म पथ पर चलकर ही हम अपने समाज, प्रदेश और देश को आगे बढ़ा सकते हैं।”
मगहर से राष्ट्रपति कोविंद वाराणसी के लिये रवाना हो गये। वाराणसी में वह शाम को काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन करेंगे।