यूपी में आर्थिक विकास की रीढ़ हैं एक्सप्रेसवे : CM योगी

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि एक्सप्रेसवे का संजाल उत्तर प्रदेश में आर्थिक विकास की रीढ़ है।

मुख्यमंत्री योगी ने अपने सरकारी आवास से प्रदेश के 26 जिलों में 27 इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर (आईएमएलसी) की शुरुआत की और प्रदेश में संचालित और निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा की। उन्होने एक्सप्रेसवे को प्रदेश की इकॉनमिक ग्रोथ का बैकबोन बताते हुए कहा कि यह पहली बार है जब यूपी में एक साथ पांच एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 13 हजार 240 एकड़ से अधिक क्षेत्र में आईएमएलसी की स्थापना हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश’ के रूप में स्थापित किया है। यही कारण है कि आज यूपी निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के सभी 6 नोड भी एक्सप्रेसवे के किनारे ही विकसित किए जा रहे हैं।

उन्होने आईएमएलसी को नये भारत के नये उत्तर प्रदेश की तस्वीर बताते हुये कहा कि निवेश के लिए सुरक्षा, लैंडबैंक और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर पहली शर्त होती है और उत्तर प्रदेश ने इन सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने स्वयं इस पर सफर किया, जो तेज रफ्तार के साथ-साथ आरामदायक भी था।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश को कभी पिछड़ा माना जाता था, जहां निवेशक आने से हिचकते थे, वहां आज आईएमएलसी के रूप में एक बड़ा सपना साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगों और फैक्ट्रियों को हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल रूप में विकसित करना होगा, ताकि स्थान का अधिकतम उपयोग हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएमएलसी पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों की धारणा बदलेगी, बल्कि वैश्विक निवेश और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आईएमएलसी के निर्माण में मैनपावर की कोई कमी न हो और निवेशकों की भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाए।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को निर्माणाधीन और गतिशील एक्सप्रेसवे की प्रगति की जानकारी दी। मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे की समीक्षा के दौरान सीएम ने सुझाव दिया कि इसका अलाइनमेंट शुक तीर्थ से भी जोड़ा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि एक्सप्रेसवे निर्माण में वन क्षेत्र को न्यूनतम नुकसान हो। मुख्य सचिव ने बताया कि एक्सप्रेसवे के किनारे आईएमएलसी के विकास से उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेश को और बल मिलेगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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