2017 से पहले यूपी में पुलिस भर्ती में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार था हावी: CM याेगी

यूपी पुलिस में 60 हजार 244 पुलिसकर्मियों की भर्ती एवं नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये योगी ने कहा कि महाकुंभ में पुलिस की भूमिका एक मिसाल थी। प्रयागराज आने वाले हर इंसान ने पुलिस के व्यवहार की प्रशंसा की। अगर हम वहां कर सकते हैं, तो हर जगह कर सकते हैं। पुलिस बल केवल कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का प्रतीक बन रहा है।
उन्होने कहा कि यह महज एक प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ विजन को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हावी था। पैसे और सिफारिश के बिना नौकरी मिलना असंभव था, लेकिन अब यह सब बीते जमाने की बात हो चुकी है। हमने संविधान प्रदत्त आरक्षण का पालन करते हुए पूरी प्रक्रिया को मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर संपन्न किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती में किसी भी जाति, धर्म, वर्ग या क्षेत्र के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया। प्रदेश में भर्तियों में दलित, पिछड़े, जनजातीय, गरीब, बेटियों सबको समान अवसर मिला है। यह नया उत्तर प्रदेश है, जहां मेरिट के आधार पर हर युवा को न्याय मिल रहा है। यूपी पुलिस में 60,244 पुलिसकर्मियों की भर्ती एवं नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्ष के कार्यकाल ने नए भारत के रूप में प्रत्येक भारतीय के जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में प्रदेश के युवाओं को साढ़े आठ लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गईं है। वहीं अकेले यूपी पुलिस में करीब सवा दो लाख भर्तियां की गई हैं। यह केवल संख्या नहीं, बल्कि प्रदेश को दंगा मुक्त, भय मुक्त और निवेश समर्थ प्रदेश बनाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इसी के साथ डबल इंजन की सरकार ने परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता क्या होती है, इसका उदाहरण पेश किया है।
उन्होंने कहा कि इस भर्ती में गरीब से गरीब परिवार का बेटा भी शामिल हुआ है। अब वह भी सिपाही बनकर प्रदेश की जनता की सेवा में योगदान दे पाएगा। योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के सूत्र स्ट्रिक्ट एंड सेंसटिव, मॉर्डन एंड मोबाइल, अलर्ट एवं अकाउंटिबल, रिलायबल एंड रिस्पॉन्सिबल और टैक्नो सैवी एंड ट्रेंड का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने इन सिद्धांतों को जमीनी हकीकत बना दिया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में जब हमने भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, तब केंद्री गृह मंत्री ने पैरामिलिट्री और मिलिट्री ट्रेनिंग संसाधन उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अब हमने राज्य में ही 60,000 से अधिक पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता विकसित कर ली है।
उन्होने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 8 नए फॉरेंसिक लैब चालू हो चुके हैं जबकि 6 और निर्माणाधीन हैं। सभी 75 जिलों में दो-दो मोबाइल फॉरेंसिक वैन तैनात की जा चुकी हैं। साथ ही 75 जिलों में साइबर थाने और 1,994 पुलिस थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। यह सभी व्यवस्था जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) के अनुरूप हैं।