गंगा दशहरा उत्सव पर होगी रामलला मंदिर परिसर के मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा

इस अवसर पर तीन जून से पांच जून तक तीन दिवसीय उत्सव मनाया जायेगा जबकि पूजन के कार्यक्रम तीस मई से शुरू हो जायेंगे और उनकी शुरुआत परिसर में स्थित मंदिर में शिवलिंग की स्थापना से होगी। काशी और अयोध्या के कुल १०१ वैदिक विद्वान अनुष्ठान की देखरेख करेंगे। देवताओं के लिये दो-दो फिट लंबे संगमरमर के सिंहासन विशेष रूप से तैयार किये गये हैं।
श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट क्षेत्र के अधिकारियों ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान मूर्तियों को एक सिंहासन पर रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सप्त मण्डप क्षेत्र में स्थित मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी जिसमें श्री वाल्मीकि, अगस्त्य, विश्वामित्र, अहिल्या, शबरी और निषादराज प्रतिष्ठित होंगे।मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने अयोध्या पहुंचे मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के धार्मिक कार्यक्रम तीन जून से शुरू होंगे और पांच जून को समापन होगा। इसके पहले मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा।
उन्होंने बताया कि बाकी मंदिर में जो निर्माण कार्य हो रहे हैं, विशेषकर परकोटा निर्माण, शेषावतार मंदिर का निर्माण अपने निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पूरे होंगे। राम मंदिर सहित परकोटा के छह मंदिरों के शिखर को भी स्वर्णजटित बनाये जाने का काम अगले दो दिनों में पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सप्त मंदिर का निर्माण पूर्ण हो गया है। वहां पर ऋषियों, मुनियों की मूर्ति भी पहुंच गयी है। पुष्करिणी जो बीच में जलसंचय है वह भी पूरा हो चुका है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर में चार द्वारों के निर्माण कार्य आडोटोरियम व अतिथिगृह के निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि द्वार के निर्माण में सबसे पहला जो उत्तरीय दिशा में द्वार है वह चार जून तक पूर्ण हो जायेगा। परिसर में हो रहे अन्य काम अक्टूबर तक पूरे कर लिये जायेंगे। ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी के पर्व पर राम मंदिर के प्रथम तल पर रामदरबार की मूर्ति को यथास्थान स्थापित कर दिया गया है। हालांकि यहां अवशेष कार्य अभी चल रहे हैं। राम दरबार की इस मूर्ति को जयपुर से लाया गया है जो कि सुबह छह बजे क्रासिंग ३ से रामजन्मभूमि परिसर में दाखिल किया गया। इसी तरह से परकोटा के दक्षिण-पश्चिम में निर्मित शिवालय में भगवान नर्मदेश्वर को भी यथास्थान स्थापित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि राम दरबार समेत परकोटा के छह मंदिरों तथा सप्त मण्डप के सातों मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना के बाद प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय अनुष्ठान तीन जून से शुरू होगा और इस दौरान मूर्तियों को अलग-अलग अधिवास कराकर उनमें वैदिक मंत्रों से प्राणों का आधान गंगा दशहरा के पर्व पर पांच जून को निर्धारित मुहूर्त में किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इसी के साथ प्रथम तल से लेकर शिखर तक सम्पूर्ण कार्य पांच जून तक पूरा हो जायेगा। इसके उपरान्त राम मंदिर के चारों तरफ लगे टावरों को हटा लिया जायेगा। उन्होंने बताया श्रीरामजन्मभूमि में निर्माणाधीन कार्य चलता रहेगा जो दिसम्बर २०२५ में पूरा हो जायेगा।