सकारात्मक सोच के तकनीकी परख लोगों से रुकेंगे साइबर फ्राड: CM योगी

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि साइबर फ्रॉड्स और डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी का सकारात्मक इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच के लोग टेक्नोलॉजी से भागेंगे तो नकारात्मक लोग उस पर हावी होंगे। ऐसे में हमे उन्हे हावी नहीं होने देना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर फ्राड्स से निपटने के लिए पहले चरण में प्रदेश के 18 रेंज में साइबर थानों की स्थापना की गयी है। इसके बाद 75 जिलों में स्थापना की गयी। वहीं आज प्रदेश के सभी 1775 थानों पर एक-एक साइबर हेल्प डेस्क संचालित हैं। इसी के तहत प्रदेश में पहला उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना की गयी ताकि बच्चे से साइबर फ्राड्स की पढ़ाई कर इसे रोकने में अपना सहयोग करें। भारतीय संविधान को अंगीकृत किये जाने की 75वीं वर्षगांठ पर नवीन आपराधिक कानूनों के तहत न्याय प्रक्रिया में फॉरेंसिक विज्ञान एवं साइबर सिक्योरिटी की भूमिका विषयक राष्ट्रीय कांफ्रेंस (26-27 नवंबर) के शुभारंभ पर उन्होने कहा कि पिछली एक जुलाई को लागू किये गये तीन नए कानूनो का भाव आपराधिक संहिता और दंड संहिता नहीं है बल्कि न्याय संहिता है। यह नागरिक सुरक्षा की संहिता है। इसके तहत पहले साक्ष्य जुटाए जाएंगे, उसके बाद अपराधी को कटघरे में खड़ा किया जाएगा। सुशासन की पहली शर्त कानून का राज स्थापित करना होता है। पिछले साढ़े सात वर्षों से प्रदेश में कानून का राज दृढ़ता से स्थापित है। वहीं देश विदेश में प्रदेश के कानून के राज की चर्चा हो रही है।
समाजवादी पार्टी (सपा) की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुये उन्होने कहा कि

अधंकार युग में इंस्टीट्यूट की जमीन पर प्रदेश के दुर्दांत भू माफिया ने कब्जा कर लिया था। ऐसे में भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर जमीन को खाली कराया गया और आज उसी जमीन पर भव्य इंस्टीट्यूट खड़ा है, जहां विभिन्न पाठ्यक्रम की पढ़ाई हो रही है। योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की स्थिति क्या थी, यह किसी से छुपी नहीं है। प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट था। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त थी। उस दौरान गुंडागर्दी चरम पर थी। एक शरीफ व्यक्ति सड़कों पर नहीं आ सकता था। वह घर से बाहर आने में डरता था। दुर्दांत अपराधी और माफिया स्वच्छंद होकर पैरेलल समानांतर सरकारें संचालित करते थे। उसका दुष्परिणाम यह था कि प्रदेश के नौजवानों और नागरिकों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया। वहीं आज प्रदेश दंगा मुक्त, गुंडा मुक्त और माफिया मुक्त है। सरकार ने पिछले साढ़े सात वर्षों में पुलिस में खाली पदों पर बड़े पैमाने पर भर्ती की है।

उन्होने कहा कि इस दौरान 1,54,000 से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती पारदर्शी तरीके से की गयी। वहीं हाल ही में 60,200 पुलिस कार्मिकों की नई भर्ती की प्रक्रिया संचालित है, जिसका रिजल्ट भी आ गया है। सीएम योगी ने युवाओं को टेक्नोलॉजी से जुड़ने का आह्वन किया।

कार्यक्रम में विधायक राजेश्वर सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार, एडीजी जीके गोस्वामी आदि उपस्थित थे।

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