एक जुलाई से शुरु होगी आगरा-मथुरा हेलीकाप्टर सेवा
लखनऊ, कान्हा नगरी मथुरा और ताजनगरी आगरा के बीच हेलीकाप्टर सेवा एक जुलाई से शुरु होने की संभावना है।
सूबे के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक जुलाई से मथुरा-आगरा हेलीकाप्टर सेवा हर हाल में शुरू कर दी जाए। इसके लिए 25 जून तक सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाए। साथ ही इसका किराया आदि एवं दी जाने वाली अन्य सुविधाओं के बारे में भी पर्यटकों को जानकारी दी जाए।
उन्होंने कहा कि चित्रकूट तथा मध्य प्रदेश से लगे इसके भाग में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार तथा यूपी के बीच जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कराई जाए। चित्रकूट के पर्यटन विकास के लिए संचालित परियोजनाओं के बारे में जानकारी भी दी जाए।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि बौद्ध सर्किट के अंतर्गत आने वाले पर्यटन स्थलों का राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग एवं ब्राण्डिंग कराई जाए। जिससे अधिक से अधिक विदेशी एवं घरेलू पर्यटक इन स्थलों का भ्रमण कर सकें। उन्होंने कहा कि ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग में नवाचार को शामिल करते हुए और बेहतर क्या किया जा सकता है, इन संभावनाओं का भी पता लगायें। पर्यटन के क्षेत्र में असीमित अवसर एवं रोजगार के संसाधन हैं। इसका भरपूर लाभ उठाया जाना चाहिए।
श्री सिंह ने पौराणिक स्थलों के इतिहास लेखन की समीक्षा करते हुए कहा कि इन स्थलों के इतिहास के साथ मुख्य द्वार के आसपास पत्थर के शिलालेख भी अंग्रेजी व हिन्दी में खुदवायें जाए, जिससे पर्यटक इन स्थलों के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकें। बैठक में बताया गया कि नौ मण्डलों के विश्वविख्यात स्थलों का इतिहास लेखन किया जा चुका है। सोरों सूकर क्षेत्र, ऐरच जैसे अल्पज्ञात स्थल भी प्रदेश में मौजूद हैं। इतिहास लेखन के तथ्यों में पारदर्शिता एवं तथ्यात्मक विवरण के लिए विशेषज्ञों की समिति भी बनाई जाए, जो तथ्यों की जांच पड़ताल कर स्थानीय स्तर पर प्रचलित दंत-कथाओं को भी स्थान दे सकें। बौद्ध स्थलों पर थाईलैण्ड, लाओस, बियतनाम आदि देशों से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। इन स्थलों का प्रचार प्रसार करके लाभ उठाना चाहिए।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग में जो भी कार्ययोजना बनाई जाए अथवा कार्यक्रम कराये जाए, उसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करके उनके सुझाव प्राप्त किये जाए। उन्होंने कहा कि पुरानी परम्परा से हटकर कार्यक्रमों में नयापन लायें और उसकी गुणवत्ता बढ़ायें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगने वाले मेलों तथा उत्सवों एवं महोत्सवों के दौरान पर्यटन विभाग अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराये तथा विभिन्न माध्यमों से पर्यटकों को यूपी की ओर आकर्षित करने के लिए प्रयास करे। उन्होंने प्रदेश के 57 जिलों में स्टाफ की कमी दूर करने के लिए आउटसोर्सिंग पर भर्ती करने के निर्देश दिये तथा उनके वेतन आदि के भुगतान के लिए धनराशि की व्यवस्था करने को कहा।
इस अवसर पर राही पर्यटक आवास गृहों को पीपीपी मोड पर विकसित एवं संचालित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये गये। समझौते के अनुसार राही पर्यटक आवासगृह संकिसा, फर्रूखाबाद तथा राही पर्यटक आवासगृह बिठूर, कानपुर में स्थित आवासगृहों का सौन्दर्यीकरण कराया जायेगा। इससे राज्य सरकार पर कोई व्यय भार नहीं आयेगा तथा सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।
समीक्षा बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 10वां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को आयोजित किया जा रहा है। इसके दौरान पर्यटन स्थलों, घाटों तथा जहॉ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय होटलों में विदेशी पर्यटक ठहरते हैं, उनको भी इसमें शामिल किया जाए। होटल की लॉन एवं आस पास के पार्क में भी योग दिवस का आयोजन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 16 जून को गंगा दशहरा के अवसर पर आस्था से जुड़े घाटों पर प्रचार प्रसार कराया जाए। उन्होंने कहा कि 01 जुलाई से न्याय संहिता लागू होगी, इसके तहत विभाग में मौजूद अधिनियमों को जनपरक बनाने के लिए तैयारी की जाए। इस अवसर पर पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक रवि रंजन, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, निदेशक पर्यटन श्री प्रखर मिश्रा, पर्यटन सलाहकार जेपी सिंह के अलावा उप निदेशक दिनेश एवं कल्याण सिंह तथा भारी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।