नाव पलटने से छह लोगों की मौत, कई लापता
श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में गंडबल से बटवारा जा रही एक नाव मंगलवार सुबह झेलम नदी में पलट गई, जिसमें कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हैं।
यह दुर्घटना प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में हुआ है और हादसे के समय स्कूली बच्चों सहित 20 से अधिक लोगों को लेकर जा रही थी।
श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट बिलाल मोहिउद्दीन भट ने कहा कि वे पता लगा रहे हैं कि नाव में कितने लोग सवार थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा,“जहां तक शुरुआती जानकारी है, नाव में 15 लोग सवार थे और उनमें से सात नाबालिग थे और बाकी वयस्क थे। हमने 12 लोगों को नदी से निकाला है और उनमें से छह की दुर्भाग्य से मौत हो गई है।”
उन्होंने कहा कि घायलों का तीन का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है। उन्होंने कहा,“इस समय, दो बच्चों समेत तीन लोग लापता हैं। लापता लोगों का पता लगाने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल सहित कई एजेंसियों द्वारा राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। सेना के विशिष्ट मरीन कमांडो को भी सतर्क कर दिया गया है।”
हादसे के चश्मदीद उत्तर प्रदेश निवासी दूधनाथ ने कहा कि नाव पलटने के बाद उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर तीन लोगों को बचाया।
उन्होंने कहा, “नदी पार करने में मदद करने वाली रस्सी के अचानक टूट जाने से नाव पलट गई। मैंने यात्रियों को मदद के लिए पुकारते देखा। मैंने अपने भाई के साथ मिलकर तीन को बचाया।” इस घटना के बाद इलाके में निराशा का माहौल है और निवासी क्षेत्र में पुल का निर्माण नहीं करने के लिए सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा, “गंदबल में पुल पिछले दो दशकों से निर्माणाधीन है। स्थानीय लोगों को पार करने के लिए नावों का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यदि पुल का निर्माण समय पर किया गया होता, तो शायद इस घटना से बचा जा सकता था।”
उल्लेखनीय है कि कश्मीर में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण झेलम सहित कई जल निकायों का जल स्तर बढ़ गया है। आज सुबह, झेलम श्रीनगर में बाढ़ के खतरे के स्तर के करीब बह रही थी।
इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वह स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “श्रीनगर में एक नाव दुर्घटना के कारण लोगों की मौत से मुझे गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह उन्हें इस अपार क्षति को सहने की शक्ति दें। एसडीआरएफ, सेना और अन्य एजेंसियों की टीमें राहत और बचाव कार्य कर रही हैं।”
उन्होंने कहा,“प्रशासन उन शोक संतप्त परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और जो घायल हुए हैं, उन्हें चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। मार्कोस टीमों को भी सतर्क कर दिया गया है। मैं लगातार स्थिति पर नजर रख रहा हूं और मैदान पर टीम का मार्गदर्शन कर रहा हूं।”
नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती तथा सज्जाद लोन, अल्ताफ बुखारी और अल्ताफ ठाकुर सहित कई जम्मू-कश्मीर राजनेताओं ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया है।