वनटांगिया महिलाओं का सफर: जंगल से फैशन शो के रैंप तक

वनटांगिया महिलाओं का सफर: जंगल से फैशन शो के रैंप तक

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की वनटांगिया समुदाय की महिलाओं ने नारी स्वावलंबन और सम्मान की एक नयी इबारत लिखी है, जिनकी पहचान ही जंगलों तक सिमट गई थी उन्हें आज राज्य के कई महत्वपूर्ण शहरों में रैंप पर जलवा बिखेरते देखा जा सकता है।
प्रदेश सरकार की नारी स्वावलंबन को समर्पित योजना मिशन शक्ति से ऐसी प्रेरणा मिली कि जो महिलाएं जंगल में बसे अपने गांव में ही सकुचाई सी रहती थीं वह आज फैशन व संस्कृति शो में पूरे आत्मविश्वास के साथ कदम रख रहीं हैं। नारी स्वावलंबन व सम्मान के लिहाज से बदलाव की यह दास्तां बेहद महत्वपूर्ण है।

गोरखपुर के वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन में कभी झुग्गियों में रहने को ही वनटांगिया महिलाएं व युवतियां मिशन शक्ति की प्रेरणा ले रहीं हैं। जनवरी 2022 से अब तक गोरखपुर महोत्सव, आगरा महोत्सव, अयोध्या के सावन झूला महोत्सव, मथुरा, काशी में जी.20 समारोह व महराजगंज महोत्सव में आयोजित फैशन व संस्कृति शो में वनटांगिया महिलाओं ने शानदार प्रतिभागिता से यह साबित कर दिखाया है कि मौका मिलने पर वे किसी से कमतर नहीं हैं।

वनटांगिया महिलाओं व युवतियों को फैशन शो के रैंप तक का सफर कराया है। गोरखपुर में पैदा हुईं राजस्थान मूल की सुगम सिंह शेखावत की परास्नातक तक की शिक्षा गोरखपुर में ही हुई है और वह वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की वकील है।
सुगम सिंह , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से कभी वंचितों में गिने जाने वाले वनटांगिया समाज की जिंदगी में आए व्यापक परिवर्तन की मुरीद हैं। उनका कहना है कि फैशन व संस्कृति शो में प्रतिभाग कराकर वह वनटांगिया नारियों को आगे बढ़ाने की सीएम योगी की सोच व उनके द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति से खुद को जोड़ रही हैं। फैशन शो में रैंप पर चलने वालों में कोई बकरी चराती थीं, कोई खेती तो कोई सब्जी बेचने का काम। सुगम उन्हें प्रशिक्षित कर रैंप तक ले आई हैं। इन्होंने कभी स्टेज तक नहीं देखा था। आज 17 साल की किशोरी से लेकर 66 वर्ष की बुजुर्ग तक रैंप पर सम्मान बटोर चुकी हैं।

वनटांगिया महिलाओं ने अब तक जितने भी फैशन शो किए वे सब भारतीय संस्कृति के थीम पर रहे हैं। इसका सिलसिला शुरू हुआ गोरखपुर महोत्सव 2022 से जिसके शो स्टॉपर थे फ़िल्म अभिनेता व सांसद रविकिशन। फिर तो आगरा महोत्सव, अयोध्या, मथुरा में भी उनके कदम आत्मविश्वास से आगे बढ़ते गए। काशी में जी.20 के समारोह में विदेशी मेहमान भी उनके कायल हो गए।

सुगम ने बताया कि हर आयोजन में लोगों को यह भी जानकारी दी जाती है कि वनटांगिया लोगों की पहले जिंदगी कैसी थी और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद क्या बदलाव आया।

उल्लेखनीय है कि दशकों तक उपेक्षा ही वनटांगियों की पहचान बनी हुई थी। 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इनके जीवन में भी विकास की दस्तक हुई। बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होकर वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं। आवास, बिजली, पानी, चूल्हा,राशन, पेंशन, सड़क, खेत की चिंताओं से उपर उठकर अब बड़ा सपना देख रहे हैं।

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