लखनऊ दवा बाजार में छापा,तीन लाख की दवाएं सील

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में नॉरकोटिक्स औषधि के अवैध कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम लगातार छापेमारी कर रही हैं। मंगलवार को एफएसडीए की टीम ने अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट में छापा मार कर तीन लाख की दवाएं सील कर दीं। इनमें अधिकांश नारकोटिक्स ड्रग्स हैं।
अधिकारियों का कहना है कि दवाओं के सत्यापन के बाद ही इनकी बिक्री की जा सकेगी। टीम ने 11 ड्रग्स के सैम्पल लेकर जांच के लिए लैब भेजे हैं।
एफएसडीए सहायक आयुक्त (औषधि) बृजेश कुमार के निर्देश पर आज नॉरकोटिक्स औषधि के अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट की चार थोक दुकानों पर छापा मारा गया। छापा मारने वाली टीम में औषधि निरीक्षक संदेश मौर्य, विवेक कुमार सिंह, अशोक कुमार और अनीता कुरील ने संयुक्त रूप से मेडिसिन मार्केट में चल रही चार दुकानों की जांच की। जिन दुकानों में छापा मारा गया उसमें मेसर्स ओम साईं राम मेडिकोज, मेसर्स श्री बांके बिहारी फार्मा, मेसर्स दवा च्वाइस फार्मेसी प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स गुरूजी फार्मास्युटिकल शामिल हैं।
सहायक आयुक्त ने बताया कि जांच के दौरान 11 दवाओं के नमूने संग्रहीत किए गए। उन्हें जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला को भेजा गया है। इसमें तीन सैम्पल नॉरकोटिक्स औषधियों के थे। उनकी जांच भी राजकीय प्रयोगशाला में की जाएगी। सभी की रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। उन्होंने बताया कि मेसर्स ओम साई राम मेडिकोज पर 2.60 लाख रुपये की नॉरकोटिक्स औषधियां एवं मेसर्स श्रीबांके बिहारी फार्मा पर 40 हजार रुपये की अन्य औषधियों को फ्रीज कर दिया गया है। फर्म संचालक को निर्देश दिया गया कि नॉरकोटिक्स एवं अन्य औषधियों के क्रय-विक्रय का सत्यापन कराये जाने के बाद ही दवाओं का विक्रय किया जा सकेगा।
टीम ने जब मेसर्स दवा च्वाइस फार्मेसी द्वारा औषधियों के विक्रय बिलों की जांच की। उसमें कई अनियमितताएं मिलीं। फर्म की मुख्य संचालक पूजा तिवारी छापे के समय फर्म में अनुपस्थित थीं। जिस कारण फर्म से दवाओं के क्रय-विक्रय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए फर्म का संचालन बंद करने का आदेश जारी कर दिया। टीम ने कहा कि जब तक संचालक द्वारा सवालों के लिखित जवाब विभाग में नहीं दिए जाते तब तक दुकान का संचालन बंद रहेगा।