जीवन और मृत्यु के बीच महाकुंभ स्नान की आस्था

महाकुंभनगर, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ मेला केवल धार्मिक और आध्यत्मिकता का केंद्र नहीं है बल्कि यह जीवन को नई दिशा देने वाली प्रेरणा स्रोत के साथ करोड़ों सनातनियों की आस्था का प्रतीक है।

झूंसी क्षेत्र स्थित आह्वान अखाड़े के शिविर में हरियाणा के नागा संत इंद्र गिरी महराज 95 फीसदी खराब फेफड़े के बावजूद जीवन और मृत्यु के बीच आस्था का प्रतीक महाकुंभ शाही स्नान की चाहत में यहां पहुंचे हैं। शारीरिक रूप से चलने फिरने में असमर्थ उनका जीवन ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर हैं। हमेशा उनके साथ एक ऑक्सीजन सिलेंडर जुड़ा रहता है।

इंद्र गिरी महराज ने बताया कि 2021 हरिद्वार कुंभ से उनको यह समस्या है। वहां अग्नि तपस्या के दौरान शरीर पर पानी गिरने से हुई। सर्द-गर्म के बाद उनका फेफड़ा एकदम जाम हो गया। छह ऑपरेशन हुआ, गणपति भगवान की कृपा से सब ठीक हो गया लेकिन चलने-फिरने की मनाही हो गयी। चिकित्सकों ने कहा अब ऑक्सीजन का ही सहारा रहेगा। इसलिए उनके साथ एक ऑक्सीजन का सिलेंडर हमेशा लगा रहता है।

उन्होंने बताया कि उनकी आखिरी इच्छा महाकुंभ मेले में मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी का शाही स्नान कर कुशलता पूर्वक वापस हरियाणा आश्रम पहुंचना है। चिकित्सकों के महाकुंभ में शिरकत करने की सख्त मनाही के बावजूद मोक्षदायिनी गंगा के प्रति उनका अगाध श्रद्धा और इष्टदेव गजानन के प्रति अटूट आस्था और विश्वास का परिणाम है कि इस विकट परिस्थिति में भी वह महाकुंभ में स्नान करने 22 दिसंबर को यहां पहुंचे हैं।

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