अयोध्या आने वालों की तादाद में इजाफे से छोटी पड़ने लगी नगर की सड़कें

अयोध्या आने वालों की तादाद में इजाफे से छोटी पड़ने लगी नगर की सड़कें

अयोध्या,  उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर के तेजी से हाे रहे निर्माण कार्य के बीच अयोध्या की बदलती तस्वीर को देखने के लिये नगर में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए सड़कें अब छोटी पड़ने लगी हैं।

खासकर, राम मंदिर की ओर जाने वाले तीन मुख्य मार्ग (सहादतगंज-नयाघाट, श्रृंगारघाट-रामजन्मभूमि, सुग्रीव किला-रामजन्मभूमि) पर भारी भीड़ के कारण यातायात प्रभावित होने लगा है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने इन मार्गों को फिर से विकसित करने की कवायद शुरू दी है।

जिला प्रशासन के आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि इस कवायद के तहत तीनों सड़कों को चौड़ा करने व इन पर अन्य सुविधायें विकसित करने की योजना बनायी जा रही है। मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर चिन्हित करने का काम भी शुरू हो गया है। इस बीच अयोध्या के विकास की योजनाओं की समीक्षा करने के लिये शुक्रवार को पहुंचे मुख्यमंत्री ने तीनों सड़कों के डीपीआर को अव्यवहारिक बताया और कहा कि ये सड़कें अयोध्या की गरिमा के अनुकूल विकसित होनी चाहिये।

इस योजना के तहत रामजन्मभूमि जाने वाले तीनों रास्तों को रामपथ, रामजन्मभूमि पथ एवं भक्ति पथ के नाम दिया गया है। सहादतगंज से नयाघाट तक जाने वाले मार्ग को ‘रामपथ’, सुग्रीव किला से रामजन्मभूमि मार्ग को ‘रामजन्मभूमि पथ’ व श्रृंगारघाट से जन्मभूमि जाने वाले मार्ग को ‘भक्ति पथ’ कहा जायेगा।

इन तीनों मार्गों काे चौड़ कर इनका पुनर्निर्माण भी किया जायेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन पर पैदल पथ बनेंगे और वाटर ड्रेनेज की आधुनिक सुविधा के अलावा मूलभूत सुविधायें भी विकसित की जायेंगी। बस शेल्टर, बस स्टाप, ई-टायलेट, बैठने के लिये बेंच व कूड़ा दान की व्यवस्था भी होगी।

इसके साथ ही तीनों मार्गों पर हरे पेड़ पौधे भी लगाये जायेंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार रामपथ (सहादतगंज से नयाघाट) की लम्बाई 13 किलोमीटर होगी। रामजन्मभूमि सुग्रीव किला से श्रीराममंदिर तक जाने वाले रामजन्मभूमि मार्ग की लम्बाई दो किलोमीटर होगी और भक्तिपथ (श्रृंगारघाट से श्रीराम जन्म भूमि मंदिर) की लम्बाई 0.75 किलोमीटर होगी।

ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार अब तक राम मंदिर का कार्य तीस प्रतिशत पूरा हो चुका है। जल्द ही मंदिर के गर्भगृह के नक्काशीदार पत्थरों को जोड़ने का काम भी शुरू हो जायेगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि दिसंबर 2023 तक गर्भगृह तैयार हो जायेगा। मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों को रामलला के दर्शन होने लगेंगे। ”

उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का काम निर्धारित समय सीमा के अनुसार चल रहा है। ट्रस्ट के मुताबिक अभी मंदिर की प्लिंथ को ऊंचा करने का काम चल रहा है। प्लिंथ भी 2.77 एकड़ में बन रही है। पांच फिट लम्बे, ढाई फिट चौड़े व तीन फिट ऊंचे आकार के ग्रेनाइट के लगभग 17 हजार ब्लाक प्लिंथ में लगेंगे। कुल 6.37 लाख घन फिट ग्रेनाइट का इसमें प्रयोग होगा।

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