पीएम मोदी के बाद अब सीएम याेगी से मिले सपा के राज्यसभा सांसद

पीएम मोदी के बाद अब सीएम याेगी से मिले सपा के राज्यसभा सांसद

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सदस्य चौधरी सुखराम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर दूसरी बार प्रदेश की सत्ता संभालने के लिये उन्हें बधाई दी।

सपा खेमे से वरिष्ठ नेताओंं के छिटकने की अटकलाें के बीच योगी से वरिष्ठ सपा सांसद की मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का नया दौर शुरु हो गया है। यह बात दीगर है कि सुखराम ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के साथ उनके भी भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया।

वरिष्ठ समाजवादी नेता ने बताया कि योगी से उनकी मुलाकात का मंतव्य भाजपा में शामिल होना नहीं है। चौ. सुखराम ने बताया कि गुरुवार को उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ योगी से मुलाकात कर दोबारा प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की उन्हें बधाई दी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी भेंट हो चुकी है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह शिष्टाचार मुलाकात मात्र थी।

गौरतलब है कि राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल आगामी चार जुलाई को समाप्त हो रहा है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले उनके बेटे ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

सपा सांसद ने कहा कि वह अपनी ही पार्टी के अंदर ही पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह के सम्मान की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं। यादव ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश ने 2017 में कहा था कि चुनाव के बाद सपा सरकार बनने पर वह पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे, लेकिन तब से लेकर अब तक दो विधान सभा और एक लोक सभा चुनाव हो चुके हैं, मगर अखिलेश ने अपनी बात पूरी नहीं की है।

उन्होंने कहा कि वह सपा के संस्थापक सदस्यों में हैं और इस पार्टी के जनक मुलायम सिंह के सम्मान की खातिर लड़ते रहेंगे। यादव ने कहा कि वह सच्चे अर्थों में मुलायम सिंह के समाजवादी सिपाही हैं, उन्हें सम्मान की खातिर अपनी लड़ाई लड़ना आता है।

ज्ञात हो कि भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच शिवपाल सिंह ने शुक्रवार को प्रसपा की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया। प्रसपा ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन का हिस्सा बन कर चुनाव लड़ा था।

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