‘पक्षी मुक्त हो गया’:ट्विटर के अधिग्रहण पर मस्क ने कहा
‘पक्षी मुक्त हो गया’:ट्विटर के अधिग्रहण पर मस्क ने कहा
सैन फ्रांसिस्को, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने 44 अरब डॉलर में माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफार्म ट्विटर का अधिग्रहण पूरा कर लिया है जिसमें वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों में परिवर्तन के साथ इसपर यूजर्स पर लगाए जाने वाले आजीवन प्रतिबंध से जुड़ी नीतियों में भी बदलाव हो सकता है।
टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मस्क ने इस सौदे को लेकर ट्वीट किया,”पक्षी मुक्त हो गया।” उन्होंने सौदे को पूरा करते ही ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पराग अग्रवाल समेत कई शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया।
यह एक ऐसी कहानी है जिसमें ट्विटर को अरबपति मस्क को सौदे की शर्तों को लेकर अदालत जाना पड़ा जिससे बचने की वह कोशिश कर रहे थे।
ट्विटर ने अधिग्रहण की पुष्टि नहीं की है लेकिन कंपनी के एक निवेशक ने बीबीसी को बताया की सौदा पूरा हो चुका है।
श्री मस्क जो स्वतंत्र भाषण के समर्थन है, ट्विटर की कुछ नीतियों के अलोचक रहें हैं। इस खबर का ट्विटर यूजर्स और कर्मचारी मिश्रित भावनाओं के साथ स्वागत करेंगे।
अमेरिकी राजनीति से जुड़े कई लोग श्री अग्रवाल के सीईओ पद छोड़ने का जश्न मनाएंगे। वे अग्रवाल और उनसे पहले पद पर मौजूद जैक डोर्सी जैसे लोगों के संबंध में यह मत रखते हैं कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम कर रहे हैं।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्री अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सहगल और शीर्ष कानूनी एवं नीति कार्यकारी विजया गड्डे अब कंपनी के साथ नहीं हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों ने बताया कि सौदा पूरा होने के बाद श्री अग्रवाल और श्री सहगल को ट्विटर के सैन फ्रांसिस्को मुख्यालय से बाहर ले जाया गया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सह-संस्थापक बिज स्टोन ने कारोबार में उनके योगदान का धन्यवाद किया।
इस दौरान ब्रेट टेलर जो गत नवंबर से ट्विटर के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे उन्होंने लिंक्डइन पर खुदको इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अलग कर लिया है।
न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट के अनुसार ट्विटर के शेयरों को शुक्रवार से ट्रेडिंग के लिए निलंबित कर दिया जाएगा।
श्री मस्क ने कहा कि उन्होंने मानवता की मदद के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को खरीदा है।
अरबपति के ट्विटर में शुरुआती निवेश से वह जनता के ध्यान से बच गए थे। उन्होंने जनवरी में शेयरों की नियमित खरीद शुरू कर दी थी जिससे मार्च में उनके पास कंपनी की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी आ जाए।
अप्रैल में वह ट्विटर के सबसे बड़े शेयरधारक के रूप में सामने आए और महीने के अंत में कंपनी को 44 अरब डॉलर में खरीदने की बात सामने आयी।
श्री मस्क ने कहा कि उन्होंने खातों को साफ करने और प्लेटफार्म को मुक्त भाषण के स्थान के रूप में संरक्षित करने की योजना बनाई है।
लेकिन मई के मध्य तक श्री मस्क ने सौदे के बारे में अपना विचार बदलना शुरू कर दिया। जिसका कारण उन्होंने प्लेटफॉर्म पर नकली खातों की संख्या ट्विटर के दावे से अधिक बताया था।
उन्होंने जुलाई में कहा कि वह अब कंपनी का अधिग्रहण नहीं करना चाहते हैं। हालाँकि, ट्विटर ने तर्क दिया कि अरबपति कानूनी रूप से अधिग्रहण के लिए प्रतिबद्ध थे और कंपनी ने उन्हें सौदे में रखने के लिए मुकदमा दायर किया।
श्री मस्क ने अक्टूबर में कानूनी कार्यवाही को रोक देने की शर्त पर अधिग्रहण योजनाओं को पुनः शुरू किया।
श्री मस्क के ट्विटर अधिग्रहण से लगता है कि अभद्र भाषा एवं दुष्प्रचार के लिए प्रतिबंधित लोगों को प्लेटफॉर्म पर वापस बुलाया जा सकता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि अब मस्क शीर्ष पर हैं, कई लोग जिन्हें अभद्र भाषा या दुष्प्रचार के लिए प्रतिबंधित किया गया है, उन्हें मंच पर वापस आमंत्रित किया जा सकता है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर ट्विटर पर प्रतिबंध लगा हुआ है जिसे श्री मस्क ने इसे मूर्खतापूर्ण और इसके उलट जाने का संकेत दिया था।