राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, शिक्षा ही सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम

गोरखपुर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा ही महिला सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन, प्रेक्षागृह व पंचकर्म सेंटर का लोकार्पण तथा महिला छात्रावास का शिलान्यास किया। राष्ट्रपति ने वन महोत्सव के अंतर्गत यहां भी रुद्राक्ष का पौधा रोपा, फिर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि नए महिला छात्रावास का शिलान्यास कर सबसे अधिक खुशी हो रही है। शिक्षा ही सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है, इसलिए यह कदम नारी सशक्तिकरण की दिशा में अमूल्य पहल है।
राष्ट्रपति ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सराहना करते हुये कहा कि महाराणा प्रताप के आदर्शों से प्रेरित सभी संस्थानों में राष्ट्र सर्वोपरि की भावना प्रसारित होती है। लगभग 700 वर्ष पहले महाराणा प्रताप ने राष्ट्रगौरव के लिए त्याग और पराक्रम का जो आदर्श प्रस्तुत किया था, वह देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। उन्होने आशा जताई कि इस विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी प्रोफेशनल एजुकेशन पर आधारित उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ आध्यात्मिकता तथा राष्ट्रप्रेम के आदर्शों को अपने आचरण में ढालेंगे।
उन्होने कहा कि मानव शरीर को दोषमुक्त बनाने में पंचकर्म की प्रक्रिया बहुत प्रभावी सिद्ध हुई है। इस क्रिया की सहायता से असाध्य रोगों के सफल उपचार के उदाहरण देखने को मिलते हैं। आशा है कि नए पंचकर्म केंद्र से अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो पाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा “ कक्षा सात की पढ़ाई पूरी करके मैं सत्र 1970-71 में आठवीं व उसके आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने गांव से 300 किमी. दूर भुवनेश्वर गई। 55 वर्ष पहले वह दूरी भी बहुत अधिक थी, क्योंकि तब आवागमन के साधन बहुत सीमित हुआ करते थे। मुझसे पहले मेरे गांव की कोई बालिका बाहर पढ़ने नहीं गई थी। भुवनेश्वर में मुझे महिला छात्रावास में रहने की सुविधा मिली। अब तो बहुत बदलाव आ चुका है। हमारी बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित कर रही हैं, लेकिन आज भी अनेक बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बेटियों के लिए सुरक्षित आवास न होने से उनकी उच्च शिक्षा की यात्रा में अवरुद्ध होता है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत परोपकार व जनहितैषी लक्ष्यों के लिए कार्य करने में निजी उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गोरखपुर व आसपास के क्षेत्र में उच्च शिक्षा में योगदान देने वाला यह पहला निजी विश्वविद्यालय है। उच्च शिक्षा में अग्रणी योगदान के लिए मैं गोरक्षपीठ व महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सराहना करती हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पूर्ववर्ती राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था। केवल चार वर्ष में विश्वविद्यालय ने विकास यात्रा में प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। यह संस्थान पूर्वी उप्र में उच्च शिक्षा एवं रोजगारपरक शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया है। इस विकास यात्रा में मुख्यमंत्री, विश्वविद्यालय के संस्थापक, कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ का अमूल्य दिशानिर्देश व संबल उपलब्ध रहा है। विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के लिए राष्ट्रपति ने योगी जी व पूरी टीम को बधाई दी।
उन्होने कहा कि जब पूर्वांचल और अधिक स्वस्थ-सुरक्षित होगा, तब पूरा यूपी और तेजी से समग्र प्रगति के मार्ग पर बढ़ेगा। जब देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य तेजी से विकास पथ पर आगे बढ़ेगा तो तब पूरा भारत प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित करेगा। राष्ट्रपति ने अपील की कि दृढ़ संकल्प के साथ हम सभी विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ते रहें।
कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री व कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ, काबीना मंत्री सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, डॉ. संजय निषाद, कुलपति डॉ. सुरेंद्र सिंह, गैलेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश अग्रवाल आदि मौजूद रहे।