देश में कोरोना के कुल सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 7131 हुयी

गुरुवार को कोरोना सक्रिय मामलों की कुल संख्या 7154 तक पहुंच गयी थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आज जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से केरल में एक मरीज की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 78 हो गयी है।
यह वायरस हालांकि अब आपातकालीन स्तर का खतरा नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कोराेना इन्फ्लूएंजा की तरह मौसमी रूप से फैलता रहता है। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक लगभग 10,976 लोग इस वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार संक्रमण के नये उभरते वेरिएंट, विशेष रूप से एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और हाल ही में पहचाने गये एनबी.1.8.1 सबवेरिएंट के कारण हो रहा है। इन वेरिएंट्स की जांच चल रही है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश के 28 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में कोरोना के सक्रिय मामलों में वृद्धि हुई है, जबकि तीन राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। केरल, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में सक्रिय मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
संक्रमण के मामले में केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य रहा है, लेकिन आज सुबह तक 110 सक्रिय मामलों में कमी आने के बावजूद इसका आंकड़ा 2055 पर बना हुआ है और राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 26 मामले घटने से संक्रमितों की कुल संख्या 714 रह गई। गुजरात में 77 सक्रिय मामले बढ़ने से कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढकर 1358 तक पहुंच गयी है।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 747, महाराष्ट्र में 629, कर्नाटक में 395, तमिलनाडु में 220, उत्तर प्रदेश में 251, राजस्थान में 173, हरियाणा में 88, आंध्र प्रदेश में 117, मध्य प्रदेश में 100, छत्तीसगढ में 42, बिहार में 36, ओडिशा में 43, सिक्किम में 39, पंजाब मेें 29, जम्मू-कश्मीर में 12, झारखंड में 24, असम में 20, तेलंगाना में 11, पुड्डुचेरी में 12, उत्तराखंड और गोवा में चार-चार, लद्दाख में तीन, चंड़ीगढ़ में दो और हिमाचल प्रदेश एक सक्रिय मामले हैं।
सरकारी अधिकारियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर जाने से बचने की अपील की है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इसके अलावा, मौसमी वायरल बुखार के भी फैलने के साथ, स्वास्थ्य पेशेवरों ने कोविड-19 को अन्य संक्रमणों से अलग करने की आवश्यकता पर बल दिया है।