अयोध्या:रामदरबार सहित आठ मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू

अयोध्या, श्रीराममजन्मभूमि पर राम दरबार समेत आठ मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ प्रायश्चित कर्म और कलश के साथ शुरू हो गया।प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चारण संग विधि-विधान पूर्वक पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, यज्ञ मंडप पूजन, ग्राह योग, अग्नि स्थापन, वन कर्मकुटी और जलाधिवास का अनुष्ठान किया गया। बुधवार चार जून को देवताओं का पूजन, अन्नाधिवास, हवन, देवस्नान, प्रसाद स्नान, शिखर स्नान, नगर भ्रमण शैय्याधिवास, न्यास का कार्यक्रम होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में 5 जून गुरुवार को राम दरबार समेत आठ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है। यह ऐतिहासिक आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.25 से 11.40 बजे के बीच संपन्न होगा। इस भव्य कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। अयोध्या एक बार फिर धार्मिक उत्साह और भक्ति के रंग में रंगने को तैयार है।
प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान काशी के विद्वान पंडित जयप्रकाश के नेतृत्व में 101 वैदिक आचार्यों द्वारा संपन्न कराया जा रहा है। जिसमें यज्ञ मंडप पूजन और अग्नि स्थापना आदि अनुष्ठान हो चुका है। बुधवार को विभिन्न अधिवास और पालकी यात्रा का आयोजन होगा। जबकि 5 जून को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम में विभिन्न संप्रदायों के संत, धर्माचार्य, आरएसएस, विहिप और राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी व सदस्य भी शामिल होंगे। यात्री सुविधा केंद्र में तुलसीदास की प्रतिमा स्थापित हो गई है। सभी को उनके दर्शन मिलेंगे। इसके अलावा महर्षि अगस्त्य, वाल्मीकि, विश्वामित्र समेत चारों गुरु की मूर्तियों को भी स्थापित कर दिया है। देवी देवताओं की मूर्तियां जयपुर में बनी हैं। उन्हें यहां लाकर स्थापित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ था, जिसने विश्व भर में ध्यान आकर्षित किया। इस बार राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अयोध्या एक बार फिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में अपनी महत्ता को रेखांकित करेगी। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परम्पराओं को भी मजबूत करेगा।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए सभी तैयारियां वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार की जा रही हैं, ताकि यह समारोह पूर्ण विधि-विधान से संपन्न हो। अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ताकि वे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन सकें। यह आयोजन अयोध्या को विश्व पटल पर और अधिक प्रमुखता प्रदान करेगा।