CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, वक्फ बोर्ड नहीं भूमाफियाओं का है बोर्ड

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि प्रयागराज की इस धरती पर हजारों वर्ष से कुम्भ का आयोजन होता आ रहा है। इसके बाद भी उसको कोई वक्फ बोर्ड की लैंड बोल दे तो बस यही कहना है कि ये वक्फ बोर्ड है या भूमाफियाओं का बोर्ड है। इस तरह की दुष्प्रवृत्ति पर रोक लगनी ही चाहिए और हम रोक लगाएंगे।

महाकुम्भ मेला क्षेत्र में ऐरावत घाट पर एक निजी चैनल के कार्यक्रम में श्री योगी ने कहा “ हमने कुछ संशोधन यहां पर किए हैं कि कोई भी जमीन जिस पर वक्फ ने कब्जा किया है या दावा किया है, 1363 फसली की उसके पूरे रिकॉर्ड को चेक किया जाए। कहीं भी वक्फ शब्द आता है तो पहले उसे देखो की जमीन किसके नाम पर थी और फिर उसको हम वापस दिलाने का काम कर रहे हैं। कहीं भी, किसी भी ऐसी जमीन पर जो सार्वजनिक उपयोग में होगी। हिंदू आस्था से जुड़े पवित्र स्थलों की जमीन होगी या सरकार की होगी, यहां पर इस प्रकार के किसी भी भूमाफिया बोर्ड को कब्जा नहीं करने देंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये कुम्भ की भूमि है और आने वाले साधु-संतों को कुम्भ के आयोजन के लिए इसी प्रकार से उपलब्ध होती रहेगी। दुनिया भर से आस्थावान लोग प्रयागराज के महाकुंभ में आ रहे हैं और अगर कोई उनकी आस्था और श्रद्धा को ठेस पहुंचाने के लिए ये कहता है कि साहब यह तो वक्फ की जमीन है। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि हजारों वर्षों की भारत की विरासत का प्रतीक आयोजन यहीं पर होता आया है।”

उन्होने कहा कि किसी भी विवादित ढांचे को मस्जिद नहीं बोलना चाहिये। हम जिस दिन मस्जिद बोलना बंद कर देंगे तो उस दिन लोग जाना भी बंद कर देंगे। यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ भी है कि किसी की भी आस्था को ठेस पहुंचाकर, वहां मस्जिद नुमा ढांचा खड़ा कर दिया हो। ऐसे स्थान पर किसी भी प्रकार की होने वाली इबादत खुदा को भी मंजूर नहीं होती है। जब खुदा को मंजूर नहीं होती है तो बेकार में वहां क्यों इबादत की जाए। वहीं इस्लाम में उपासना के लिए एक स्ट्रक्चर खड़ा हो, यह आवश्यक नहीं है जबकि यह सनातन धर्म में है। सनातनी उपासना के लिए मंदिर जाएगा, इस्लाम के लिए नहीं है। ऐसे में हमे किसी भी ढांचे को मस्जिद बोलने की जिद्​द नहीं करनी चाहिये। यह समय एक नये भारत के बारे में सोचना के साथ आगे बढ़ने का है। हमे इस ओर ध्यान देना चाहिये।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक वर्ष पहले अयोध्या में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करके रामलला का विराजमान होना और 144 वर्षों बाद इस तरह के मुहूर्त में महाकुंभ का होना, ये ईश्वर की कृपा है। योगी ने कहा कि महाकुम्भ में पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के साथ दक्षिण भारत के राज्यों से संतों का आगमन नहीं हो पाता था। वहीं इस बार महाकुंभ में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की तस्वीर देखने को मिलेगी। यहां हर जगह से संतों और श्रद्धालुओं की मौजूदगी होगी। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी अगले 45 दिनों में प्रयागराज की त्रिवेणी में डुबकी लगाएगी। योगी ने विपक्ष के वार पर पलटवार करते हुए कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि बीजेपी ने खुद को महाकुम्भ के आयोजन से जोड़ा है।

इस आस्था को नई ऊंचाई देने से किसने रोका था। 2017 के पहले यही आयोजन गंदगी का पर्याय बनता था और अव्यवस्था होती थी। 2013 के महाकुंभ में क्या स्थिति थी। उन्होंने कहा कि मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्नान करने आए थे और अव्यवस्था गंदगी देख आंखों से आंसू बहाकर दुखी मन से कहा था कि क्या यही गंगा है और वापस चले गये थे।

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