देवरिया में कला प्रवाह के तहत कलाकारों ने किया प्रदर्शन
देवरिया, उत्तर प्रदेश के देवरिया में संगीत नाटक अकादेमी भारत सरकार के तत्वावधान में शनिवार को मां देवरही मंदिर के प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम कला प्रवाह में देश के विभिन्न भागों से आए हुए कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर सदर सांसद शशांक मणि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति का डंका आज विदेशों में भी बज रहा है। अभी एक दिन पहले ही हमने भारत के समृद्धि की प्रतीक छठ मां के त्यौहार को देश और विदेशों में व्यापक रूप से मनाया है। सांस्कृतिक आयोजनों से आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है और देवरिया जनपद आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रवाह का बहुत बड़ा क्षेत्र है।
इस अवसर पर अकादेमी की अध्यक्ष डा.संध्या पुरेचा ने कहा कि मंदिर परम्परायें हमेशा से भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं का हिस्सा रही हैं और प्राचीन काल से ही ऐसे उत्सव देश के विभिन्न मंदिरों में आस्था और उत्साहपूर्वक आयोजित किए जाते रहे हैं। संगीत नाटक अकादेमी ने अनुभव किया है कि समय के साथ यह मंदिर परंपराएं क्रमशः क्षीण पड़ती गईं और अपने सांस्कृतिक महत्व एवं अस्मिता से दूर होती चली गईं और इस प्रकार आज विलुप्ति के कगार पर जा पहुँची हैं।ऐसी परिस्थिति में संगीत नाटक अकादेमी ने देश की मंदिर परंपराओं को पुनर्जीवित करने की चुनौती स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों की श्रृंखला रुकेगी नहीं आगे भी होती रहेगी।
राज्य सभा सांसद कुंवर आर पी एन सिंह ने कहा कि कला जीवन का एक ऐसा अंग है जिससे एक आत्मिक ऊर्जा के साथ साथ आंतरिक शांति भी प्रदान करती है।आज के इस व्यस्ततम और भाग दौड़ की जिंदगी में कुछ समय के मधुर संगीत सुनकर मन को असीम शांति का अनुभव प्राप्त होता है।
कार्यक्रम के तहत शनिवार को देवरिया की भजन गायिका पूनम त्रिपाठी एवं उनके साथी कलाकारों ने भगवान गणेश की वंदना कर अपने भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आल्हा गायन कलाकार महंत यादव एवं उनके साथी कलाकारों ने भी अपनी सुंदर प्रस्तुति दी। इसके पश्चात गौरा गणपती मुखौटा नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसे देखकर श्रोताओं ने आनंद का अनुभव किया। पौराणिक ढोल वादन भैरव नृत्य जागरी सांस्कृतिक कला मंच समिति, उत्तराखंड द्वारा प्रस्तुत किया गया।दिल्ली से आई प्रसिद्ध कलाकार सिंधु मिश्रा ने भरतनाट्यम की सुंदर प्रस्तुति दी।