वंदे मेट्रो के जरिए रेलवे को मिलेगा यात्रियों का नया वर्ग
भुज(गुजरात), छोटी एवं मध्यम दूरी यात्रा न्यूनतम समय में पूरी करने में सक्षम वंदे मेट्रो ट्रेन, रेलवे को ऐसे यात्री वापस हासिल करने में मदद करेगी जिन्होंने जनरल कोच में भीड़भाड़ और अव्यवस्था के कारण सफर करना छोड़ दिया है।
वंदे भारत एक्सप्रेस के तकनीकी प्लेटफार्म पर विकसित वंदे मेट्रो का 12 कोच वाला रैक तीन हजार से अधिक लोगों को बिना किसी आरक्षण के, सामान्य टिकट पर उनके छोटी एवं मध्यम दूरी के गंतव्य तक वातानुकूलित कोच में गद्दीदार सीटों पर पहुंचाने में सक्षम है। हालांकि इसके लिए किराया कुछ अधिक रखा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश की पहली वंदे भारत मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। दो शहरों के बीच यात्रा समय को घटाने वाली इस इंटरसिटी ट्रेन सेट से स्थानीय स्तर पर लोगों के यात्रा अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
पहली वंदे मेट्रो गुजरात में भुज और अहमदाबाद के बीच (352 किलोमीटर) चलेगी और गांधीधाम, अंजार, भचाऊ, ध्रारंध्रा, सामख्याली, हलवाड़, विरमगाम, चांदोलिया और साबरमती स्टेशनों को जोड़ेगी। वंदे मेट्रो ट्रेनें शहर के केंद्र से परिधीय शहरों को जोड़ेंगी।
रेलवे के सूत्रों ने कहा कि जब हम ‘मेट्रो’ शब्द सुनते हैं तो तुरंत एक शहरी परिदृश्य हमारे दिमाग में आता है। हालाँकि, वंदे मेट्रो की संकल्पना कई प्रगतियों को शामिल करके की गई थी। यहां देश में संचालित वंदे मेट्रो और अन्य मेट्रो का व्यापक अवलोकन दिया गया है।
गति के बारे में उन्होंने कहा कि वैसे तो वंदे मेट्रो का प्लेटफॉर्म 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने में सक्षम है तथापि भुज एवं अहमदाबाद के बीच यह 110 किमी/घंटा की गति से चलेगी। क्योंकि यह गति ट्रैक की अधिकतम अनुमन्य गति के अनुरूप होगी। सूत्रों के अनुसार वंदे मेट्रो गाड़ी का परीक्षण 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति तय किया गया है। जरूरत पड़ने पर इस गाड़ी की गति बढ़ाना संभव होगा।
भुज स्टेशन पर आज दोपहर पहुंची इस ट्रेन के रैक में एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई सीटें, पूरी तरह से वातानुकूलित केबिन और मॉड्यूलर इंटीरियर के साथ हैं। वंदे मेट्रो निश्चित रूप से अन्य मेट्रो से बेहतर विकल्प साबित होती है। गाड़ी में किसी भी सीट पर नंबर नहीं डाला गया है। यानी यह पूरी तरह से अनारक्षित होगी।
वंदे मेट्रो आपातकालीन रोशनी के साथ टकराव से बचने, आग का पता लगाने और एयरोसोल-आधारित आग दमन के लिए कवच जैसी उन्नत सुरक्षा प्रणालियों से सुसज्जित है। सुविधाओं में समावेशिता के साथ डिज़ाइन की गई, वंदे मेट्रो में दिव्यांगजन-अनुकूल शौचालय और पूरी तरह से बंद लचीला गैंगवे है। वंदे मेट्रो में यात्रा के दौरान कोई भी भोजन का आनंद ले सकता है।
प्रौद्योगिकी के बारे में चर्चा करते हुए सूत्रों ने कहा कि वंदे मेट्रो दरअसल वंदे भारत की अत्याधुनिक तकनीक वाले प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसमें अंडर स्लंग प्रोपल्शन और उन्नत ब्रेकिंग सिस्टम शामिल हैं, जो एक सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करते हैं। इस वंदे मेट्रो में 1150 यात्रियों के बैठने की क्षमता है जबकि खड़े होकर 2058 लोग यात्रा कर सकते हैं। वंदे मेट्रो कई नवीन सुविधाएँ प्रदान करती है। इसमें शहरी मेट्रो ट्रेनों के समान 1.3 मीटर चौड़े डबल-लीफ स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे और एक पूरी तरह से बंद लचीला गैंगवे है जो धूल रहित, शांत और बारिश-रोधी इंटीरियर सुनिश्चित करता है। ट्रेन के मॉड्यूलर डिज़ाइन में इजेक्टर-आधारित वैक्यूम निकासी की तकनीक पर आधारित शौचालय शामिल हैं, जो पारंपरिक उपनगरीय ट्रेनों और मेट्रो कोचों से एक महत्वपूर्ण उन्नत हैं। वंदे भारत ट्रेनों के समान सेमी परमानेंट कप्लर्स, झटका-मुक्त यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं। जबकि दोनों छोर पर कैब चलाने से टर्नअराउंड समय समाप्त हो जाता है।
ट्रेन मध्य दूरी के शहरों के बीच तेज़ यात्रा प्रदान करती है। इसकी एकदम से गति पकड़ना या एकदम से धीमा होना, एक कुशल यात्रा में योगदान करती है। यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं से लाभ होगा, जिसमें टाइप-सी और टाइप-ए दोनों आउटलेट के साथ मोबाइल चार्जिंग सॉकेट, अतिरिक्त सुरक्षा के लिए सीसीटीवी निगरानी और दरवाजों के ऊपर रूट-मैप संकेतक शामिल हैं। निरंतर एलईडी लाइटिंग एक अच्छी रोशनी वाले वातावरण को सुनिश्चित करती है, और एक टॉक-बैक प्रणाली यात्रियों को आपात स्थिति में ड्राइवर के साथ संवाद करने की सहूलियत देती है।
वंदे भारत मेट्रो की मुख्य विशेषताओं में पूरी तरह से सीलबंद लचीला गैंगवे, मॉड्यूलर इंटीरियर वैक्यूम निकासी के साथ शौचालय केंद्रीय रूप से नियंत्रित डबल लीफ स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, ड्राइवर कैब ए.सी ऊर्जा दक्षता के लिए पुनर्योजी ब्रेकिंग, अंडरस्लंग प्रोपल्शन सुरक्षा और यात्री निगरानी के लिए सीसीटीवी, मोबाइल चार्जिंग सॉकेट सतत एलईडी प्रकाश व्यवस्था मार्ग मानचित्र सूचक सिंक्रोनाइज्ड 415 वी सहायक बस प्रणाली यात्री सूचना एवं सूचना प्रणाली आपदा रोशनी अग्नि जांच प्रणाली एरोसोल आधारित अग्नि शमन प्रणाली एलएफपी बैटरी के साथ 3 घंटे तक बैटरी बैकअप तथा हाई राइज पेंटोग्राफ शामिल हैं।
रेलवे के जानकार लोगों का कहना है कि वंदे भारत मेट्रो ट्रेन आधुनिक युग का रेल चमत्कार है जो 150 किमी के दायरे में शहरों को जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो लगभग 3 से 4 घंटे की कुशल और आरामदायक यात्रा प्रदान करता है। वंदे मेट्रो शुरू से अंत तक यात्रियों की सुचारू आवाजाही की सुविधा प्रदान करती है और व्यक्तिगत कोचों में भीड़ कम करती है।
रेलवे के जानकारों का कहना है कि वंदे मेट्रो भारतीय रेलवे को उनके खोये हुए पुराने यात्री वापस दिलाएगी जो ट्रेनों के जनरल कोचों में अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के कारण बसों या अन्य साधनों से कम दूरी की यात्रा करते थे। लग्ज़री बसों के यात्री वंदे मेट्रो ट्रेनों के जरिए रेलवे की ओर लौटेंगे। इस तरह से रेल यात्रियों का एक नया वर्ग तैयार होगा।