जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान के कण कण में बहता है भक्ति रस
मथुरा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान का कोना कोना भक्ति रस से सराबोर हो जाता है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने हर वर्ष की तरह इस बार भी ठाकुर के अभिषेक और श्रंगार की अनूठी व्यवस्था की है ।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन ठाकुर जी ’’सोमचन्द्रिका पोशाक ’’ धारण कर ’’ पद्मकांन्ति ’’ पुष्प बंगले में विराजेंगे। श्रीकृष्ण के 5251 वें जन्म दिवस पर इतने ही दीपकों से जन्माष्टमी की शाम सात बजे दीपदान होगा।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से बताया कि जन्मस्थान आनेवाले लाखो तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए संस्थान द्वारा इस बार कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं जिनमें जन्मस्थान स्थित मंदिरों में दर्शन का समय बढ़ाना प्रमुख है।
जन्माष्टमी की शुरूवात 26 अगस्त को शहनाई वादन और फिर मंगला आरती से होगी जो सुबह साढ़े 5 बजे होगी।इस अवसर पर गर्भ गृह को कंस के कारावास का स्वरूप दिया जाएगा। प्रातः 8 बजे ठाकुर का पंचामृत अभिषेक होगा एवं 9 बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम होगा जिसमें ब्रज के उत्कृष्ठ गायक अपनी प्रस्तुति से भावांजलि देंगे तथा श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अध्यक्ष महन्त नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में संतो एवं विद्वानों द्वारा श्रीकृष्ण के द्वारा किये गए जनकल्याणकारी कार्यों को प्रवचन के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।
सचिव के अनुसार 25 अगस्त को शाम 6 बजे दिव्य शोभा यात्रा के साथ भगवान केशवदेव जी , भगवती योगमाया, , राधाकृष्ण युगल सरकार को पोशाक अर्पित की जाएगी।इसी क्रम में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लीला मंच पर रासलीला के माध्यम से श्रीकृष्ण की लीलाओं का प्रस्तुतीकरण प्रारंभ हो गया है तथा शाम सात बजे से होनेवाला यह कार्यक्रम 28 अगस्त तक नित्य चलेगा।
अन्य कार्यक्रमों में 25 अगस्त को जन्मस्थान से उ0प्र0 ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा देश के विभिन्न भागों से आमंत्रित नृत्य एवं वादन की विभिन्न विधाओं के कलाकारों की एक शोभायात्रा जन्मस्थान के गेट न0 1 से निकाली जाएगी।हर साल निकलनेवाली यह शोभा या़त्रा अपने रंगारंग स्वरूप एवं नृत्य विधाओं के संयोजन के कारण अपनी अलग पहचान बना चुकी है। इसी श्रंखला में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समिति द्वारा 26 अगस्त को शाम 6 बजे भव्य शोभा यात्रा श्रीकृष्ण जन्मस्थान से प्रारंभ होकर विभिन्न बाजारों से होती हुई जन्मस्थान पर ही समाप्त होगी।
श्रीकृष्ण जन्म महाअभिषेक कार्यक्रम की शुरूवात 26 अगस्त की रात 11 बजे गणपति एवं नवग्रह स्थापना पूजन से होगी। इसके बाद सहस़्त्रार्चन तुलसी दल एवं कमल पुष्प से होगा। रात 11 बजकर 59 मिनट पर प्राकट्य दर्शन के लिए पट बन्द होंगे जो रात 12 बजे होनेवाली प्राकट्य आरती के साथ ही खुल जाएंगे। अभिषेक के बाद श्रंगार आरती रात 12 बजकर 45 मिनट पर तथा शयन आती 1 बजकर 55 मिनट पर होगी।
नई व्यवस्था के अनुसार तीर्थयात्री एवं श्रद्धालु प्रात साढे़ 5 बजे से लेकर रात डेढ़ बजे तक जन्मस्थान परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। चूंकि इस अवसर पर जन्मस्थान आनेवाले प्रत्येक भक्त को रात्रि अभिषेक के बाद प्रसाद दिया जाता है इसलिए जन्मस्थान में प्रसाद का बनना शुरू हो गया है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए गोविन्दनगर थाने के सामने पार्किंग में , गर्तेश्वर मन्दिर के निकट गोविन्दम एवं गर्तेश्वर मन्दिर के सामने राधा पार्क में सामानघर एवं जूताघर बनाए जा रहे हैं।
इसके साथ ही गेट नम्बर 1 के निकट वाहन पार्किंग में खोया पाया केन्द्र बनाया जाएगा। सभी श्रद्धालुओं को अपने मोबाइल फोन, कैमरा, रिमोट की रिंग, थैला ,माचिस, , बीड़ी , सिगरेट, तम्बाकू, , चाकू, ब्नेड या अन्य इलेक्ट्रानिक सामान अपने ठहरने के स्थान पर छोड़ने की सलाह दी गई है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित विभिन्न मंदिरों में आयोजित विभिन्न धार्मिक कार्यों से जन्मस्थान में भक्ति जन्माष्टमी के दिन सुबह से देर रात तक नृत्य करती रहती है।