देश के सबसे लंबे रूट पर बस चलाने की तैयारी, बीआरओ ने दी हरी झंडी
शिमला, हिमाचल प्रदेश में मनाली-लेह मार्ग पर बर्फीली वादियों के बीच जल्द ही आम लोगों के साथ सैलानियों को एचआरटीसी की बस में सफर करने की सुविधा मिलने जा रही है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने भी निगम को बस चलाने की हरी झंडी दे दी है।
एचआरटीसी के केलांग डिपो ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो अगले हफ्ते में बस का संचालन संभव है। बताया जा रहा है कि मंडी डिपो की दो बसें सेना के जवानों को लेकर लेह गई हैं। ऐसे में उनके लौटने के बाद केलांग से लेह तक मार्ग का पता चल सकेगा। इसके बाद निगम ट्रायल के बजाय बस को शुरू कर देगा।
एचआरटीसी की यह बस सेवा करीब नौ माह बाद शुरू हो रही है। सितंबर-2023 को लेह-दिल्ली बस को बंद कर दिया था। देश के सबसे लंबे (1026 किमी) रूट लेह-दिल्ली में बस भले ही मात्र चार माह तक चलती है, मगर केलांग डिपो के लिए यह कमाऊ रूट है। लिहाजा केलांग डिपो ने लेह-दिल्ली रूट पर बस के संचालन को लेकर कमर कस ली है। इसको लेकर निगम के अधिकारियों ने शुक्रवार को सीमा सड़क संगठन 70 आरसीसी के कमांडिंग आफिसर से सड़क की स्थिति को लेकर बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि केलांग से लेह मार्ग बड़े वाहनों के लिए बहाल है।
एचआरटीसी केलांग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक का कार्यभार देख रहे निगम के अधिकारी उमेश शर्मा ने कहा कि बीआरओ के ओसी रवि शंकर से बात हुई है। उन्होंने भी बस का ट्रायल करने को कहा है। कहा कि लेह गई निगम की दो बसों के लौटने का इंतजार किया जा रहा है। अगर सड़क बसों के लिए ठीक पाई जाती है तो निगम दो-तीन दिन बाद केलांग से लेह-दिल्ली के लिए सीधी बस सेवा शुरू कर देगा।
जिला प्रशासन ने दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही को लेकर समयसारिणी तय की है। दारचा से सरचू की तरफ सुबह 7ः00 से 11ः00 और सरचू से दारचा के लिए अपराह्न 2ः00 से 5ः00 बजे का समय निर्धारित किया है। इसके अलावा लेह की ओर सेना की कानवाई सहित बड़े ट्रकों की आवाजाही निरंतर जारी है। इस रूट पर बस यात्री न केवल लंबे सफर का आनंद ले सकेंगे, बल्कि बर्फीले चार दर्रों का भी लुत्फ उठा पाएंगे।
गौरतलब है कि चार दर्रों के बीच से होकर गुजरने वाली लेह-दिल्ली बस सेवा सितंबर के बाद से बंद है।