जदयू ने बिहार में पहली बार लोकसभा चुनाव में जीते तीन सासंदों को किया बेटिकट

पटना,  बिहार में इस बार के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने वर्ष 2019 में हुये लोकसभा चुनाव में पहली बार जीते नौ सांसदों में से तीन को बेटिकट कर दिया वहीं उनकी जगह दो नये प्रत्याशी को जीत का अवसर दिया है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर सीतामढ़ी से पूर्व मंत्री सुनील कुमार पिंटू, झंझारपुर से रामप्रीत मंडल ,कटिहार से पूर्व मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी, गोपालगंज (सु) से डॉ. आलोक कुमार सुमन, सीवान से दरौंधा की विधायक और बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह ,भागलपुर से नाथनगर के विधायक अजय कुमार मंडल ,जहानाबाद से पूर्व विधान पार्षद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ,गया (सु) से विजय कुमार मांझी और सुपौल से दिलेश्वर कामत पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।

इस बार के लोकसभा चुनाव में जदयू ने नौ सांसदो में से सीवान से कविता सिंह ,सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू और गया (सु) से विजय कुमार मांझी को बेटिकट कर दिया हैं। दरौंधा की विधायक कविता सिंह की टक्कर पूर्व बाहुबली सांसद मोहम्मद शाहबुद्दीन की पत्नी और राजद प्रत्याशी हिना शाहब से हुयी। कविता सिंह ने हिना शहाब को एक लाख 16 हजार 958 मतों के अंतर से शिकस्त दी और पहली बार लोकसभा पहुंची।

सीतामढ़ी सीट से सुनील कुमार पिंटू की टक्कर राजद प्रत्याशी और पूर्व सासंद अर्जुन राय से हुयी। श्री पिंटू ने श्री राय को दो लाख 50 हजार 539 मतो के अंतर से शिकस्त दी और पहली बार लोकसभा सांसद बन गये।गया (सु) से विजय कुमार मांझी ने हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को एक लाख 52 हजार ,426 मतों से हराकर पहली बार लोकसभा के लिये निर्वाचित हुये।

इस बार के चुनाव में जदयू ने सीवान से जीरादेई के पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी विजया लक्ष्मी देवी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं सीतामढ़ी से बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को चुनावी दंगल में उतारा है। देवेश चंद्र ठाकुर और विजया लक्ष्मी देवी पहली बार लोकसभा के चुनावी रण में अपना भाग्य आजमां रही हैं।राजग के घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल में गया (सु) सीट इस बार (हम) को दे दी गई है ।संभावना जतायी जा रही है कि गया (सु) से जीतन राम मांझी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।

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