देवरिया सदर सीट पर कांग्रेस के 40 साल के सूखे को खत्म करने उतरे अखिलेश प्रताप सिंह
देवरिया, उत्तर प्रदेश में देवरिया सदर लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन से कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह इस सीट पर 40 साल के सूखे को हरियाली का रूप देने के लिए चुनाव मैदान में हैं।
अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है, वह रूद्रपुर विधानसभा से विधायक रह चुके है और वर्तमान में वह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।श्री सिंह ने 38 साल पहले अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था। वह 1986 में यूपी यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता बने और उसके बाद उन्होंने यूथ कांग्रेस में सेक्रेटरी, जनरल सेक्रेटरी, वाइस प्रेसिडेंट और कार्यकारी अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद वह 1995 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता बने। 2012 में कांग्रेस ने उन्हें देवरिया जिले के रूद्रपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था और वह वहा विजय दर्ज कर विधायक बने थे।
देवरिया सदर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने आखिरी बार 40 वर्ष पूर्व 1984 में जीत दर्ज की थी। 1984 में कांग्रेस के टिकट पर राजमंगल पांडे ने जीत हासिल की थी। उसके बाद से आज तक देवरिया सीट पर कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई। देवरिया लोकसभा सीट सोशलिस्टों और कांग्रेसियों का गढ़ मानी जाती रही है। 1951 में पहली बार हुए चुनाव में यहां कांग्रेस को ही जीत मिली थी। 90 के दशक में मंडल और कमंडल की टकराहट में यहां का चुनावी मिजाज इस कदर बदला कि कांग्रेस का सफाया हो गया और यहां की लड़ाई समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच सिमट गई।
आखिरी बार यहां से 1984 में उस जमाने के दिग्गज नेता राज मंगल पांडेय चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री बने थे। उसके बाद लगभग सभी चुनावों में कांग्रेस यहां तीसरे स्थान पर ही रही और उसका प्रदर्शन भी काफी खराब रहा। अगर देवरिया सदर लोकसभा सीट का इतिहास देखा जाय तो अभी तक यहां से कांग्रेस को पांच बार जीत मिली है। दो बार सोशलिस्ट पार्टी और एक बार जनता दल चुनाव जीती है। 1990 के बाद से 2014 तक यहां की लड़ाई सपा और भाजपा के बीच रही और समाजवादी पार्टी से मोहन सिंह और भाजपा से लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी सांसद होते रहे। साल 2009 में पहली बार यहां बसपा का खाता खुला और गोरख प्रसाद जायसवाल सांसद बने 2014 से अब तक लगातार इस सीट पर भाजपा का ही कब्जा है। 2014 के चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता कलराज मिश्र चुनाव जीते। साल 2019 में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी सांसद बने। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक साथ चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बाकी 63 लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ने शनिवार देर रात उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। देवरिया लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है।